आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला (Y. S. Sharmila) कांग्रेस में शामिल हो गईं। वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की संस्थापक वाईएस शर्मिला दिल्ली में मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुईं।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद वाईएस शर्मिला ने कहा, “आज वाईएसआर तेलंगाना पार्टी का कांग्रेस पार्टी में विलय करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। मुझे बहुत खुशी हो रही है कि वाईएसआर तेलंगाना पार्टी आज से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा बनने जा रही है। कांग्रेस पार्टी अभी भी हमारे देश की सबसे बड़ी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है।”
शर्मिला ने अपनी वाईएसआर तेलंगाना कांग्रेस पार्टी के कांग्रेस में विलय की भी घोषणा की और कहा कि उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी वह उसे निभाएंगी। कांग्रेस की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह देश की सबसे बड़ी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है क्योंकि यह अडिग तरीके से सभी समुदायों की सेवा करती है और सभी वर्गों के लोगों को एकजुट करती है। शर्मिला ने कहा कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना उनके पिता का सपना था और उन्हें इसमें योगदान देकर खुशी होगी। शर्मिला ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वह तेलंगाना में कांग्रेस की जीत का हिस्सा थीं।
जगन मोहन रेड्डी ने की बहन को मनाने की कोशिश
वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने बहन वाईएस शर्मिला को मनाने के लिए अपने चाचा वाईएसआरसीपी के पूर्व सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी को भेजा था लेकिन बातचीत विफल रही। एक सूत्र ने कहा, “शर्मिला ने 31 दिसंबर और 1 जनवरी को हुई बैठकों में वाईएसआरसीपी में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया था।”
वाईएस शर्मिला तेलंगाना के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी की छोटी बहन हैं और अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाई एस राजशेखर रेड्डी की बेटी हैं।
2021 में अलग हो गए थे भाई-बहन
वाईएस शर्मिला के तेलंगाना में अपना संगठन बनाने के बाद जुलाई 2021 में भाई-बहन की जोड़ी राजनीतिक रूप से अलग हो गई थी। वाईएसआरसीपी और वाईएसआरटीपी दोनों का गठन वाईएसआर की विरासत को आगे बढ़ाने और वाईएसआर का शासन वापस लाने के घोषित उद्देश्य से किया गया था। ऐसा माना जाता है कि वाईएस शर्मिला राजनीतिक स्थान के लिए तरस रही हैं और जगन रेड्डी ने वाईएसआर की विरासत को हाईजैक कर लिया है।