संशोधित नागरिकता कानून और NRC को लेकर मोदी सरकार लोगों के निशाने पर है। कई विदेशी मीडिया भी इन मुद्दों को लेकर सरकार की आलोचना कर चुके हैं। अब वाल स्ट्रीट जर्नल ने भी अपने एक ताजा लेख में मोदी सरकार पर निशाना साधा है। लेख में कहा गया है कि मोदी सरकार चाहती तो मुस्लिम समुदाय में संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर फैले डर को कम कर सकती थी, लेकिन सरकार इसके उलट काम कर रही है और अल्पसंख्यकों के डर को और बढ़ा रही है।
WSJ (The Wall Street Journal) के लेख के अनुसार, पीएम मोदी सभी भारतीयों को विकास के रास्ते पर ले जाने की बात करते हैं, लेकिन उनके कार्यकाल का रिकॉर्ड बताता है कि उन्होंने देश के धार्मिक बहुसंख्यवाद के प्रति समर्पण को कमजोर किया है। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा के आरोपी कट्टरपंथियों का समर्थन करते रहे हैं।
WSJ के लेख के अनुसार, उत्तर प्रदेश में जारी हिंसा कोई अचानक हुई घटना नहीं है। राज्य की बागडोर योगी आदित्यनाथ के हाथों में हैं, जो कि अपनी भड़काऊ बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं। योगी आदित्यनाथ ने एक उग्र एंटी मुस्लिम संगठन का भी गठन किया है।
बता दें कि केन्द्र की मोदी सरकार ने हाल के समय में कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिन्हें लेकर सरकार पर अल्पसंख्यकों की भावनाओं का ख्याल नहीं रखे जाने का आरोप लग रहा है। इनमें तीन तलाक को लेकर बना कानून, अयोध्या विवाद पर फैसला और अब एनआरसी और संशोधित नागरिकता कानून के मामले प्रमुख हैं।
संशोधित नागरिकता कानून को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी हैं। जिनके दौरान काफी हिंसा हुई। जिसमें कई प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। इस दौरान उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े। हालांकि विरोध प्रदर्शनों और विपक्ष के भारी दबाव के बावजूद सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून से पीछे हटने से इंकार कर दिया है।
वहीं कई मुख्यमंत्रियों ने इस कानून को अपने राज्य में लागू नहीं करने की बात कही है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह असम की तरह देशभर में एनआरसी लागू करने की भी बात कह चुके हैं। अब इसे लेकर भी विवाद हो रहा है। हालांकि पीएम मोदी ने हालिया रैली में इससे इंकार किया था और बताया था कि अभी इस बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है।