द ग्रेट खली के नाम से मशहूर पहलवान दलीप सिंह राणा गुरुवार को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। वह राज्यसभा सांसद अरुण सिंह, राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और लोकसभा सांसद सुनीता दुग्गल की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए।
उन्होंने कहा, ‘मैं बीजेपी में शामिल होकर खुश हूं… मुझे लगता है कि देश के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काम उन्हें सही पीएम बनाता है। इसलिए, मैंने सोचा कि क्यों न देश के विकास के लिए उनके शासन का हिस्सा बनूं। मैं भाजपा की राष्ट्रीय नीति से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल हुआ।”
राणा डब्ल्यूडब्ल्यूई यूनिवर्स में प्रसिद्ध हैं जहां उन्होंने बतिस्ता, शॉन माइकल्स और यहां तक कि जॉन सीना और केन जैसे पेशेवर पहलवानों से टक्कर ली थी। उन्हें 2021 के डब्ल्यूडब्ल्यूई हॉल ऑफ फेम क्लास में शामिल किया गया था।
पंजाब पुलिस के अधिकारी रह चुके खली 7 फुट 1 इंच लंबे पहलवान हैं और “मैकग्रबर,” “गेट स्मार्ट,” और “द लॉन्गेस्ट यार्ड” जैसी फिल्मों में दिखाई दिए। उन्होंने एक कुश्ती स्कूल भी खोला है, जिससे अगली पीढ़ी के भारतीय सुपरस्टार को रिंग के लिए तैयार होने में मदद मिली।
खली ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन किया था। बाद में सरकार ने तीनों कानूनों को रद्द कर दिया था। जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि खली राष्ट्रवादी सोच के व्यक्ति हैं और वह कहीं भी रहें, उनका दिल भारत के लिए धड़कता है। खली ने कहा कि मोदी के रूप में भारत को एक अच्छा प्रधानमंत्री मिला है। उन्होंने कहा कि देश के विकास की प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए वह भाजपा में शामिल हुए हैं।
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी पार्टी (सपा) को ‘‘घोर परिवारवादी, दंगावादी और माफियावादी’’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह लोग अब चुनाव में ‘‘राष्ट्र विरोधियों’’ को अपना प्रस्तावक तक बना रहे हैं।
मोदी ने यहां एक चुनावी रैली में मुजफ्फरनगर और सहारनपुर दंगों का जिक्र करते हुए कहा, “मुजफ्फरनगर में जो हुआ वह तो कलंक था ही, यहां सहारनपुर में जो कुछ हुआ था वह भी खौफनाक था। तब राजनीतिक संरक्षण में लोगों को कैसे निशाना बनाया जाता है, सहारनपुर का दंगा इसका प्रमाण है। ऐसी ही करतूतों के कारण 2017 में आप लोगों ने दंगावादियों को सबक सिखाया और उत्तर प्रदेश को दंगा मुक्त करने में योगी जी को सफलता मिली, लेकिन आप यह मत समझना कि यह दंगावादी और परिवारवादी सुधर गए हैं।”