देशभर में कोरोना का संक्रमण पूरी तरह से बेकाबू हो चुका है। इस महामारी की वजह से हर दिन हजारों की संख्या में लोगों की मौत हो रही है। इसी बीच एक टीवी डिबेट के दौरान जब कांग्रेस प्रवक्ता रोहन गुप्ता ने कहा कि सारे फैसले तो केंद्र के हाथ में हैं फिर राज्यों को कैसे बोला जा सकता है और जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। तो डिबेट में मौजूद भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि ये कांग्रेस के लोग मोमबत्ती को दोनों तरफ से जलाएंगे।
दरअसल आजतक न्यूज चैनल पर आयोजित टीवी डिबेट शो में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सारे फैसले तो केंद्र के हाथ में है। हमने तो कभी नहीं प्रधानमंत्री जी को कहा कि आप 136 देशों में जाकर बोलें कि हम कोरोना से जीत गए। साथ ही रोहन गुप्ता ने कहा कि आज जब केंद्र इसमें विफल हो जा रही है तो राज्यों पर इसका जिम्मा डाला जा रहा है। वैक्सीन से लेकर ऑक्सीजन तक पर पूरा कंट्रोल केंद्र सरकार का है तो फिर इसमें राज्यों को कैसे बोला जा सकता है।
कांग्रेस प्रवक्ता की बातों का जवाब देते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एंकर अंजना ओम कश्यप से कहा कि आप विरोधाभास देखिए कि ये लोग कहते हैं कि जब सारा राज्यों के हाथ में डाल देंगे तो फिर आप किसलिए हैं। लेकिन जब केंद्र सरकार सब अपने पास रखती है तो ये लोग कहते हैं कि फिर राज्य किसलिए है। राज्यों को सबकुछ दे दो। आगे संबित पात्रा ने कहा कि ये लोग वही हैं जो मोमबत्ती के दोनों तरफ आग लगाते हैं।
इसके अलावा संबित पात्रा ने कहा कि ट्विटर पर सरकार चलाने में और वास्तव में सरकार चलाने में फर्क है। कांग्रेस के क्राउन प्रिंस राहुल गांधी सोफा पर लेटे लेटे ट्विटर पर ,मोदी जी से सवाल पूछते रहते हैं। सोफे पर लेट कर ट्विटर चलाना बहुत आसान है इसलिए राहुल जी जमीन पर काम करना सीखो। आगे संबित पात्रा ने अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा कि अगर देश में सबसे ज्यादा बेशर्म और मैनिपुलेटेड फैमिली कोई है तो वह गांधी-नेहरू फैमिली है।
बता दें कि पिछले दिनों भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्विटर पर एक डॉक्यूमेंट शेयर करते हुए लिखा था कि ये कांग्रेस पार्टी का टूलकिट है जिसके जरिए कांग्रेस पीएम मोदी को बदनाम करना चाहती है। हालांकि बाद में ट्विटर ने उस ट्वीट को मैनिपुलेटेड मीडिया बताया था कि यानी कि उस ट्वीट की प्रमाणिकता संदेह के घेरे में है। संबित पात्रा के ट्वीट को मैनिपुलेटेड बताने के साथ ही सरकार हरकत आ गई थी। भाजपा से पहले केंद्र सरकार ने ही इस मामले में ट्विटर को नोटिस जारी कर दिया था।
