नई संसद के पहले ही दिन लोकसभा में ऐतिहासिक महिला रिजर्वेशन बिल पेश किया गया। केंद्र सरकार की तरफ से इस बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम दिया है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पेश किया। इस बिल के कानून बनने के बाद लोकसभा और देश की अन्य विधानसभाओं में हर तीसरी सांसद महिला होगी।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम की बड़ी बातें

  1. यह बिल लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं के लिए पेश किया गया है। इस बिल के अनुसार, 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व होंगी। बिल पास होने के बाद लोकसभा में महिलाओं के लिए 181 सीटें रिजर्व हो जाएंगी। इस समय लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या सिर्फ 82 है।
  2. नारी शक्ति वंदन अधिनियम के अनुसार, दिल्ली विधानसभा में भी महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। इसके अनुसार, दिल्ली में महिलाओं के लिए 23 सीटें रिजर्व होंगी।
  3. इस बिल के अनुसार, SC-ST महिलाओं को कोटे में कोटा दिया जाएगा। देश में इस समय रिजर्व सीटों की संख्या 84 (SC) और 47 (ST) है। इस हिसाब से SC समुदाय के लिए रिजर्व सीटों में से 28 सीटें जबकि एसटी समुदाय के लिए रिजर्व सीटों में से 16 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
  4. महिला आरक्षण बिल 15 साल के लिए होगा। इसके बाद सरकार को महिलाओं को आरक्षण देने के लिए फिर से बिल लाना होगा।

नारी शक्ति वंदन विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार संकल्पबद्ध

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई संसद में पहले दिन कहा कि उनकी सरकार लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में महिला आरक्षण के प्रावधान वाले “नारीशक्ति वंदन विधेयक” को कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने नए संसद भवन में कार्यवाही के पहले दिन लोकसभा में अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि महिला आरक्षण विधेयक पहले भी कई बार संसद में पेश किया जा चुका है, लेकिन “महिलाओं को अधिकार देने, उनकी शक्ति का उपयोग करने के इस काम के लिए…….ईश्वर ने ऐसे कई पवित्र कार्यों के लिए मुझे चुना है”।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “नारी शक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा। मैं देश की माताओं, बहनों और बेटियों को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मैं उन्हें आश्वस्त करता हूं कि हम इस विधेयक को कानून बनाने के लिए संकपबद्ध हैं।”