MP News: ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बीएसएफ एकेडमी से दो महिला कॉन्सटेबल पिछले एक महीने से लापता हैं। इन दोनों की ही तलाश के लिए कई राज्य स्तरीय और केंद्रीय एजेंसियां एक साथ काम कर रही हैं। इसके चलते ही बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश इंटरनेशनल बॉर्डर पर भी अपनी यूनिट को अलर्ट कर दिया है। एजेसियों ने दोनों की एक्टिविटी संदिग्ध बताते हुए तलाश तेज कर दी है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक लापता कांस्टेबलों में से एक आकांक्षा निखार मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली हैं जबकि दूसरी शहाना खातून पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं। दोनों ही 2021 से एकेडमी में थीं और 6 जून 2024 को अचानक गायब हो गई हैं।

ग्वालियर स्टेशन से ट्रेन में बैठने की खबर

दोनों लापता महिला कांस्टेबल की तलाशी SIT और इंटेलीजेंस अब पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश बार्डर पर भी की जा रही है। इसके लिए अलर्ट भी जारी किया गया है। जांच पड़ताल के बाद दोनों को ग्वालियर रेलवे स्टेशन में एक साथ ट्रेन में बैठे देखा गया था। बताया जा रहा है कि ये ग्वालियर से दोनों पहले दिल्ली पहुंचे और वहां से एक एटीएम से पैसे निकाले। इसके बाद दोनों मुर्शिदाबाद के लिए रवाना हो गए।

दोनों ही महिला कॉन्सटेबल के फोन्स की लोकेशन दिल्ली से हावड़ा होते हुए बरामपुर, मुर्शिदाबाद में जाकर बंद हो गई थी। एजेसियां अभी तक फोन रिकॉर्ड्स और सीसीटीवी के आधार पर कड़ियां जोड़ने की कोशिश कर रही है और कई राज्यों में घूमने के चलते हर एक एंगल को चेक किया जा रहा है। यह भी देखा जा रहा है कि क्या दोनों पश्चिम बंगाल में शहाना के परिवार के साथ संपर्क में हैं या नहीं।

बंगाल में ट्रेस हुई आखिरी लोकेशन

सीसीटीवी फुटेज से मिली जानकारी के मुताबिक ये 7 जून को दोनों बहरामपुर के बेकान अस्पताल मे देखी गई थी और यह उनकी आखिरी लोकेशन रही और अस्पताल से निकलने के साथ ही दोनों के फोन स्विच हो गई। आकांक्षा की मां उर्मिला निखार ने अपनी बेटी की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है।

लापता कॉन्सटेबल आकांक्षा की मां ने बताया है कि 5 जून को उनकी बेटी फोन पर किसी से बात कर रही थी और काफी डरी हुई लग रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने 6 जून को ही ग्वालियर से 100 किलोमीटर दूर स्थानीय बिलुआ पुलिस स्टेशन में बेटी के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने उस वक्त कोई एक्शन नहीं लिया था।