केंद्र की मोदी सरकार द्वारा इस साल सितंबर महीने में संसद से पारित कराए गए तीनों कृषि कानूनों से देश के किसानों की पहुंच अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनियों अमेजन और वॉलमार्ट तक हो सकेगी। यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम के अध्यक्ष और सीईओ मुकेश अघी ने ये बयान दिया है।

‘द प्रिंट’ को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि अमेरिका किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के अधिकार का समर्थन करता है लेकिन मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीनों कानूनों से किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने का विकल्प मिलेगा। इस तरह से किसान वैश्विक आपूर्ति करने वाली चेन का हिस्सा बन जाएंगे।

अघी ने कहा,“नया कानून बहुराष्ट्रीय कंपनियों तक पहुंच की बात नहीं करता है लेकिन इससे किसानों को विकल्प मिला है। नए कानून से किसान अपनी फसल को बेचने के लिए मंडी जाने को बाध्य नहीं होंगे।” “वे अपनी फसल को कहीं भी किसी को भी बेच सकेंगे; इससे मुझे लगता है कि किसानों को भविष्य की ओर देखने के लिए एक विकल्प मिलता है। इस तरह से वे बहुराष्ट्रीय कंपनियों तक भी पहुंच बना सकते हैं, वे अमेजन और वॉलमार्ट तक पहुंच सकते हैं और सप्लाई चेन का हिस्सा बन सकते हैं।”

उन्होंने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि नए कानून के बारे में अमेरिकी कारोबारी और निवेशक सोचते हैं कि इससे भारतीय किसानों को अधिक कमाने का विकल्प मिलेगा। उन्होंने कहा,“आज किसानों को उनकी लागत का बहुत कम हिस्सा फसल के बदले मिलता, कीमत का अधिकतर हिस्सा मंडी में या उससे आगे के बिचौलिए ले जाते हैं।” ”हम ये समझते हैं कि हर किसी को विरोध प्रकट करने का अधिकार है। हालांकि नए कानून को देखा जाए तो यह किसानों को उनका अधिकार देता है। इसलिए अमेरिका किसानों के प्रदर्शन के साथ साथ नए कानूनों का भी समर्थन करता है।”

हालांकि उन्होंने शिकायत की कि नए कानून ने भी भारतीय कृषि बाजार में विदेशी कंपनियों के लिए रास्ता नहीं खोला है।अघी के मुताबिक भारत और अमेरिका में प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता (FTA) “अहम है” । ये न सिर्फ आर्थिक रिश्तों के लिए बल्कि भौगोलिक-राजनीतिक संबंधों के लिए भी अहम है।