शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है लेकिन अभी एक बार भी ठीक तरह से किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं हो पाई है। कांग्रेस की तरफ से लगातार अडानी विवाद उठाया जा रहा है, उस वजह से हर सेशन स्थगित करना पड़ जाता है। अब इस पूरे बवाल में एक बात साफ दिख रही है, इंडिया गठबंधन एकजुट नहीं है। हर पार्टी अडानी का मुद्दा उठाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही। बात चाहे टीएमसी की हो या फिर शरद पवार गुट की, सभी के अपने मुद्दे हैं, लेकिन कांग्रेस की वजह से सभी को पीछे हटना पड़ रहा है।

बड़ी बात यह है कि कांग्रेस के अपने कई एमपी अब हाईकमान की इस रणनीति से खुश नजर नहीं आ रहे हैं। उनकी तरफ से कहा जा रहा है कि देश की जनता ने उन्हें वोट देकर सदन भेजा है, ऐसे में उनके मुद्दे उठाना जरूरी है। अगर सिर्फ इस तरह विरोध प्रदर्शन कर सदन को चलने से रोका जाएगा तो वोटरों को भी जवाब देना मुश्किल रहेगा। कुछ कांग्रेस सांसदों ने तो यहां तक बताया है कि राज्यसभा के कुछ चुनिंदा नेता ही पूरी कांग्रेस की रणनीति तैयार कर रहे हैं, लोकसभा में जो भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, उसकी रूपरेखा वहां तैयार हो रही है।

देवेंद्र फडणवीस होंगे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री

कुछ कांग्रेस सांसद तो अब यहां तक कहने लगे है कि प्रियंका गांधी के लोकसभा में आने से रणनीति में कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है। उनके मुताबिक प्रियंका ज्यादा प्रैक्टिकल हैं, वे वायनाड में भी जनता के ही मुद्दों पर फोकस कर रही थीं, ऐसे में यहां भी उनकी प्राथमिकता ऐसी ही देखने को मिल सकती है। अब समझने वाली बात यह है कि कांग्रेस के कई सांसदों में रोष है, लेकिन राहुल गांधी के खिलाफ जाने की हिम्मत किसी में नहीं।

यह बात अब जगजाहिर हो चुकी है कि राहुल गांधी के लिए अडानी मुद्दा सबसे ज्यादा प्रिय है, वे इसी के सहारे चुनावों में उतरते हैं और सीधे पीएम मोदी को निशाने पर लेते हैं। संसद में भी वे सिर्फ इसी मुद्दे के दम पर केंद्र को पूरी तरह आइसोलेट करना चाहते हैं। लेकिन अब जब सदन कई दिनों से नहीं चल पा रहा है, कांग्रेस के ही सांसद मानने लगे हैं कि इस तरह से संसद को बाधित रखना ठीक नहीं। ऐसी स्थिति में सरकार की जवाबदेही तय करना और ज्यादा मुश्किल हो जाएगा।

अभी के लिए एक तरफ टीएमसी तो बेरोजगारी, महंगाई, बंगाल सरकार को मिलने वाले फंड्स जैसे मुद्दों पर चर्चा करना चाहती है, वहीं सपा संभल जैसे मुद्दों को ज्यादा उठाना चाहती है। अब क्योंकि सभी विपक्षी पार्टियां एक साथ दिखाई नहीं दे रहीं, ऐसे में सोमवार सुबह एक अहम बैठक होने वाली है। उस बैठक में इंडिया गठबंधन के सभी फ्लोर लीडर्स हिस्सा लेंगे, उसमें तय किया जाएगा कि आगे लिए सदन में क्या रणनीति अपनानी है।

वैसे मुद्दा वक्फ बोर्ड का भी है जिस पर विपक्ष चर्चा करना चाहता है। अब तो एक ऐसे राज्य ने इस राज्य ने वक्फ बोर्ड को भंग कर दिया है जहां पर बीजेपी भी सरकार में शामिल है। ऐसे में इस मुद्दे पर भी संसद में जमकर बवाल होने वाला है। यह पूरी खबर के लिए यहां क्लिक करें