दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गुरुवार शाम गिरफ्तार कर लिया। केजरीवाल को गिरफ्तार किए जाने पर विपक्ष जहां केंद्र सरकार पर हमलावर है तो वहीं बीजेपी को भरोसा है कि वो किसी भी तरह के विरोध का सामना कर सकती है।
दरअसल बीजेपी का मानना है कि चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल को पिक्चर से आउट करने से दिल्ली और पंजाब में AAP को बड़ा झटका लगा ही है, साथ में भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार की इस साख को भी बढ़ावा मिलता है कि ‘चाहे नेता कितना भी बड़ा हो’, वह भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी द्वारा नौ समन जारी किए गए थे, बावजूद इसके वो पूछताछ के लिए जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे। गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने आबकारी नीति मामले में उन्हें अंतरिम संरक्षण देने से इनकार कर दिया था, इसके कुछ घंटों बाद ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
केजरीवाल की गिरफ्तारी का जहां आम आदमी पार्टी और विपक्ष पूरा माइलेज लेने की कोशिश करेंगे तो वहीं बीजेपी अपना पक्ष मजबूत करने के लिए उनके द्वारा लगातार ईडी समन को नजरअंदाज किए जाने पर जोर देगी।
क्यों केजरीवाल की गिरफ्तारी से खुश है BJP
BJP के एक सीनियर नेता कहते हैं कि केजरीवाल की गिरफ्तारी से आप कमजोर होगी क्योंकि वह पार्टी का चेहरा हैं और उनके जरिए ही AAP समर्थन और संसाधन जुटाती है। केजरीवाल ही AAP का ब्रेन और पिलर हैं, उनके बिना आप इलेक्शन कैंपेन में कोई प्रभाव नहीं डाल पाएगी।
बीजेपी के एक अन्य नेता कहते हैं कि केजरीवाल की गिरफ्तारी से इंडिया गठबंधन का एक स्टार कैंपेनर दूर हो जाएगा। इसके अलावा यह विपक्षियों द्वारा बनाए गए भ्रष्ट गठबंधन के हमारे मैसेज को भी बल देगा। वो कहते हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से निकलकर आए केजरीवाल की भ्रष्टाचार के मामले में ही गिरफ्तारी से बड़ी कोई उपलब्धि नहीं हो सकती।
बीजेपी कार्यकर्ता उठा रहे थे अपनी ही लीडरशिप पर सवाल!
सूत्रों की मानें तो बहुत सारे बीजेपी कार्यकर्ता पार्टी के सामने यह सवाल उठा रहे थे कि केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर मोदी सरकार बचती क्यों नजर आ रही थी। उनका मानना था कि इससे आम लोगों के बीच यह मैसेज जा रहा था कि केजरीवाल की “लोकप्रियता” उनके खिलाफ कार्रवाई न होने की प्रमुख वजह बन रही है।
उन्होंने आगे कहा कि अब केजरीवाल की गिरफ्तारी से कैडर का आत्मविश्वास बढ़ गया है और यह संदेश गया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लीडरशिप बिलकुल अडिग है। इन ही बातों का जिक्र करते हुए बीजेपी के एक सीनियर नेता कहते हैं कि दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के साथ आने से भी बीजेपी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
बीजेपी सूत्रों के अनुसार, दिल्ली और उसके आसपास पार्टी द्वारा हाल ही में किए गए इंटरनल सर्वे केजरीवाल के खिलाफ इस तरह की एक्शन के बारे में वोटर्स की भावनाओं को जानने की कोशिश की गई है। सर्वे से बीजेपी को पता चला कि केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ विपक्ष लोगों को जुटाने में सफल नहीं हो पाएगा। बीजेपी सूत्रों का मानना है कि शराब घोटाले से केजरीवाल की इमेज पर फर्क पड़ा है। वह कहते हैं कि अगर शराब घोटाला मामले में सबूत नहीं होते तो सिसोदिया को जमानत मिल गई होती।
इसके अलावा बीजेपी नेताओं का मानना है कि दिल्ली में 25 मई को चुनाव होगा, जिसमें अभी दो महीने से ज्यादा का समय बाकी है, तब तक केजरीवाल की अनुपस्थिति से आप कमजोर होगी और उसके चुनाव लड़ने की क्षमता प्रभावित होगी। बीजेपी नेता मानते हैं कि केजरीवाल उनके लिए खतरा थे क्योंकि वो फ्री बिजली, पानी और हेल्थ व एजुकेशन में अपनी योजनाओं की वजह से मोदी सरकार के गुड वर्क को टक्कर दे रहे थे।