महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार सियासी उठापटक जारी है। इस दौरान एनसीपी चीफ शरद पवार का एक बयान काफी चर्चा में है। उनके बयान के बाद 2024 के विधानसभा चुनावों में भाजपा-शिवसेना-अजित पवार एनसीपी गठबंधन की जीत की स्थिति में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री की कुर्सी पर लौटेंगे या नहीं, यह सवाल राज्य के राजनीतिक हलकों में फिर से उभर आया है।

क्या है नई चर्चा? 

एनसीपी चीफ शरद पवार ने पीएम मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से दिए संबोधन का ज़िक्र करते हुए कहा कि पीएम ने 2024 के लोकसभा चुनाव में सत्ता में लौटने की बात कही है, ठीक पांच साल पहले यह फडणवीस ही थे जिन्होंने इसी तरह की बात कही थी। फडणवीस सत्ता में लौटे लेकिन सीएम के रूप में नहीं। उन्हें डिप्टी सीएम का पद स्वीकार करना पड़ा। राकांपा अध्यक्ष ने कहा, ”मैं सोच रहा हूं कि मोदी किस पद के साथ लौटेंगे। 

शरद पवार 2019 विधानसभा चुनाव से पहले की गई फडणवीस की टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे। तब फडणवीस मुख्यमंत्री थे और भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे। तब विधानसभा में एक भाषण में उन्होंने एक लोकप्रिय मराठी कहावत कहते हुए कहा था, “मैं वापस आऊंगा”

दिलचस्प है महाराष्ट्र की सियासत

महाराष्ट्र की सियासत पिछले कुछ वक्त से दिलचस्प हो गई है। 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा और तत्कालीन अविभाजित सेना के गठबंधन ने राज्य की कुल 288 सीटों में से 161 सीटें जीती थीं। सीएम की कुर्सी को लेकर फडणवीस और सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच सत्ता संघर्ष तेज होने के कारण एक महीने तक गतिरोध चला। इसके बाद सुबह-सुबह एक सरप्राइज़ ऑपरेशन में फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ली और एनसीपी के अजीत पवार डिप्टी सीएम बने।

तब मौके पर पहुंचते हुए सेना एनसीपी और कांग्रेस ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का गठन किया और उद्धव ने सीएम के रूप में कार्यभार संभाला। इस तरह 2019 में फडणवीस से सीएम की कुर्सी छीन गई।

लेकिन जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बागी सेना विधायकों ने पिछले साल जुलाई में उद्धव सेना के खिलाफ बगावत की और बीजेपी के साथ गठबंधन किया तो उम्मीद थी कि फडणवीस फिर से सीएम बनेंगे।