नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बनने की मजबूत दावेदार पूनम महाजन को आखिर में निराशा ही हाथ लगी। महाजन केन्‍द्रीय राज्‍य मंत्री बनते-बनते कैसे रह गईं, इस‍के पीछे कई चर्चाएं होती रही हैं। अफवाहों के बाजार में महाजन को किनारे किए जाने की सबसे ताजा वजह उनके दिवंगत पिता, भाजपा नेता प्रमोद महाजन और वर्तमान नेतृत्‍व के बीच प्रतिद्वंदिता को बताया जा रहा है। प्रमोद महाजन के सिर पर लालकृष्‍ण आडवाणी का हाथ था और पार्टी के साथ उनके संबंध जगजाहिर हैं। हालांकि पूनम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘गुड बुक’ में हैं। रेडिफ डॉट कॉम ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि महाजन को अगले कैबिनेट विस्‍तार में मंत्री पद मिल सकता है। महाजन के अलावा मंत्री पद से चूकने वालों में युवा नेताओं जैसे अनुराग ठाकुर, स्‍वपन दासगुप्‍ता और निशिकांत दूबे तथा वरिष्‍ठ नेताओं में बिहार से हुकुम नारायण यादव का नाम चर्चा में है। मोदी ने 5 जुलाई को कैबिनेट विस्‍तार करते हुए 19 नए मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया था।

जल्‍द ही प्रेम कुमार धूमल मुख्‍यमंत्री बन जाएंगे, इसलिए उनके बेटे अनुराग ठाकुर को नजरअंदाज कर दिया जाएगा। इसके अलावा ठाकुर बीसीसीआई प्रमुख होने की वजह से पहले से ही एक महत्‍वपूर्ण पद पर हैं। स्‍वपन दासगुप्‍ता मानव संसा‍धन विकास राज्‍य मंत्री बनने ही वाले थे मगर बन नहीं पाए क्‍योंकि डाॅ. सुब्रमण्‍यम स्‍वामी जैसा मजबूत दावेदार था। साथ ही पार्टी एमजे अकबर को विदेश राज्‍य मंत्री बनाने के बाद दो संपादकों को उच्‍च पदों पर बैठे देखना नहीं चाहती। हुकुम नारायण यादव का नाम अगले साल उप-रा ष्‍ट्रपति चुनाव में आगे किया जा सकता है, इसलिए उन्‍हें मंत्री बनाने का सवाल ही नहीं उठता।