कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कई प्रमुख देशों के राजनयिकों के जम्मू-कश्मीर दौरे को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया और सवाल किया कि मोदी को विदेशी लोगों पर इतना विश्वास और यहां के लोगों पर अविश्वास क्यों है।

सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी से पूछना चाहता हूँ कि आपको विदेशी लोगों पर इतना विश्वास और लगाव क्यों है? वहां हमें भी जाने दो। अगर स्थिति सामान्य होगी तो हम कहेंगे कि स्थिति सामान्य है। हम पर आप क्यों नहीं विश्वास करते, बाहर के लोगों पर क्यों इतना विश्वास करते हो?’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘हम तो यही कहेंगे कि अगर बाहर के लोगों को जाने का हक है तो वो हक हमें भी मिलना चाहिए। हमें क्यों आप रोक रहे हो? आप हमें दंगाई समझते हो?’’ जम्मू-कश्मीर में धारा 144 और इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी से जुड़े उच्चतम न्यायालय के फैसले को सिब्बल ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला दिया है। देश के लोगों को जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर चिंता थी। अब वहां से सूचनाएं आ सकेंगी।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘पिछले साल चार अगस्त को ऐसी क्या आपात स्थिति आ गई थी कि इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई?’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि अगर वहां धारा 144 खत्म होती है तो विपक्ष के नेता वहां जाएंगे।

शीर्ष अदालत का आदेश सरकार के कदम का विरोध करने वालों को झटका: भाजपा ने उच्चतम न्यायालय के आदेश को विपक्षी दलों के लिए एक झटका करार दिया जिन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को ‘अंसवैधानिक’ बताया था। भाजपा प्रवक्ता जी वी एल नरसिम्हन राव ने कहा कि गृह मंत्रालय खुद ही पाबंदियों में ढील देता जा रहा है और इंटरनेट सेवाओं की बहाली भी उपयुक्त समय पर हो ही जाएगी। उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत ने जम्मू कश्मीर प्रशासन से पाबंदी आदेशों की तत्काल समीक्षा करने को कहा है।

राव ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय का फैसला वाकई उन लोगों के लिए एक झटका है जिन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को असंवैधानिक एवं अवैध करार देकर उसका विरोध किया। वे अब पाबंदियों में ढील देने पर अपने को सही ठहरा रहे हैं। गृह मंत्रालय किसी भी मामले में स्वयं ही सभी पाबंदियों में ढील दे रहा है और इंटरनेट सेवाओं की बहाली भी उपयुक्त समय पर हो ही जाएगी।’’ अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने कहा कि भाषण की स्वतंत्रता और इंटरनेट पर कारोबार चलाने को संविधान के तहत सुरक्षा प्राप्त है। उसने जम्मू कश्मीर प्रशासन को पाबंदी आदेशों की तत्काल समीक्षा करने का निर्देश दिया।