Chinese intrusion in Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र पर हमलावर है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा था कि प्रधानमंत्री ने बिना किसी लड़ाई के चीन को 1000 वर्ग किलोमीटर जमीन दी है। क्या भारत सरकार बता सकती है कि इस क्षेत्र को कैसे फिर से वापस लिया जाएगा? इस मुद्दे पर न्यूज़ चैनल आजतक पर एक टीवी डिबेट के दौरान AIMIM प्रवक्ता वारिस पठान ने तंज कसा कि चीन अरुणाचल में घुस गया है तो बुलडोजर क्यों नहीं भेजते, क्या डीजल कम है?
वारिस पठान ने कहा, “चीन अगर अरुणाचल प्रदेश की सीमा में घुस गया है तो प्रधानमंत्री मोदी वहां जाकर बात नहीं करेंगे क्या? आपलोग को यह नहीं दिखता कि बुलडोजर को कभी उधर का भी रुख करना चाहिए, जहां निर्माण हो रहे हैं, बख्तर बन रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “RSS के एक 25 साल के विचारक ने कोर्ट में एफ़िडेविट डाला है जिसमें लिखा है कि आरएसएस की शाखाओं में बम बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है।
बुलडोजर क्यों नहीं भेजते: AIMIM प्रवक्ता ने आगे कहा, “इन्हें बुलडोजर केवल वहीं चलाना है जहां सफेद कुर्ता और सफ़ेद टोपी दिखेगी, बाकि इन्हें कुछ नहीं दिखता, इन्हें भगवा रंग में भी कुछ नहीं दिखता। इनका आदमी खुद बोल रहा है मगर वहां बुलडोजर नहीं जाएगा।” पठान ने कहा, “चीन घुस गया है हमारी सीमा में, वहां बुलडोजर क्यों नहीं भेजते? क्यों पेट्रोल कम है, डीजल कम है, बुलडोजर क्यों नहीं भेजते वहां अरुणाचल प्रदेश में? वहां क्या दिक्कत है?”
इसके जवाब में राजनीतिक विश्लेषक अजय आलोक ने कहा, “पीएम मोदी SCO की बैठक के लिए समरकंद में हैं, रुस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से उनकी मुलाकात हो रही है, दुनिया के मंच पर प्रधानमंत्री मोदी हिंदुस्तान का दम दिखा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के नेता उसमें भी विरोध का बहाना ढूंढ रहे हैं।”
भारत का कद नहीं दिखता: उन्होंने आगे कहा, “वहां अगर एक प्रमुख विपक्षी दल के नेता को लाल आंखें दिखती हैं, मगर भारत का कद नहीं दिखता, भारत का रुतबा नहीं दिखता तो ये बड़े शर्म की बात है।” अजय आलोक ने कहा, “ये लोग देश को कमजोर करने की बात करते हैं, चीन के पास जाने की बात करते हैं मगर इतिहास में हर कोई जानता है कि 80, 000 स्क्वायर किलोमीटर जमीन चीन को किसने दी और आज भी अगर उस जमीन को वापस लाने की कोशिश कोई कर रहा है तो कौन कर रहा है?”