Delhi Jal Board: जल बोर्ड में पानी के आ रहे भारी भरकम बिलों को लेकर मिल रही बड़ी शिकायतों के बीच दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 41 वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले आदेश जारी किए हैं। दिल्ली जल बोर्ड मुख्यालय के उपनिदेशक (टी) हेमंत भारद्वाज की ओर से इस बाबत आदेश जारी किए गए हैं।

ट्रांसफर किए गए अधिकारियों में अधीक्षण अभियंता (एसई) से लेकर अधिशासी अभियंता (एसई)(सिविल) स्तर के अधिकारी प्रमुख रूप से शामिल हैं। सभी अधिकारियों को 9 जून तक अपना नया कार्यभार संभालने के सख्त आदेश भी दिए गए हैं।

सभी स्थानांतरित अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से स्टैंड रिलीव भी कर दिया गया है। साथ ही यह भी आदेश दिए गए हैं कि अगर कोई अधिकारी इस समय सीमा का अनुपालन नहीं करता है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद से दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के इतने बड़े स्तर पर यह पहली बार तबादले किए गए हैं।

इस बीच देखा जाए तो दिल्ली सरकार पानी के आए भारी भरकम बिलों और गलत बिलों पर घरेलू उपभोक्ताओं को 90 फ़ीसद तक छूट देने की योजना पर भी काम कर रही है।

बताया जाता है कि 90 फ़ीसद बिल पूरी तरीके से माफ किए जाएंगे और केवल 10 फीसद शुल्क ही बिना किसी जुर्मान आदि के वसूल किया जाएगा। इससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद भी जताई जा रही है। हालांकि, अभी इस बाबत किसी तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा इसको लेकर पूर्व में घोषणा कर चुके हैं।

मीडिया रिपोर्ट में यह भी बात कही गई है कि गर्मी के मौसम में पानी की किल्‍लत की कई शिकायतें सामने आने पर ये तबादला किया गया है। इससे पहले जल बोर्ड के CEO के तौर पर उत्तर प्रदेश के तेज़तर्रार IAS अधिकारी कौशल राज शर्मा को विशेष मांग पर दिल्ली लाया गया।

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सूत्रों ने बताया कि पिछली सप्ताह उन्‍होंने जल बोर्ड में एक बैठक करके इंजीनियर्स के कामकाज को लेकर कई बातें कहीं। सभी को जिम्‍मेदारी से काम करने की नसीहत दी गई। साथ ही कहा गया कि लापरवाही होने पर सख्त कदम उठाया जाएगा।

केंद्र और यूपी सरकार के चहेते हैं IAS कौशल राज शर्मा

कौशल राज शर्मा 2006 बैच के IAS अधिकारी हैं। 2019 में वाराणसी के डीएम के तौर पर कोरोना काल में इनके कामों की तारीफ हुई फिर 2022 में वहीं के कमिश्नर भी बनाए गए। शर्मा की देखरेख में विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण, सड़कों का चौड़ीकरण हुआ। पहले इनका तबादला मुख्यमंत्री योगी के सचिव के तौर पर हुआ, लेकिन उसके तुरंत बाद इनको प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली बुला लिया गया। सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी के पसंदीदा अधिकारी रहने के चलते उनको अब यमुना की सफाई के मद्देनज़र दिल्ली जल बोर्ड का CEO बनाया गया है।

यमुना की सफाई बीजेपी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट

केंद्र सरकार ने अगले तीन साल में यमुना नदी को साफ करने का लक्ष्य रखा है। यही वजह है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। बीते दिनों गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में यमुना की सफाई को लेकर हाई लेवल की बैठक भी हुई। पीएम मोदी का लक्ष्‍य है कि अगले दो सालों में यमुना के पानी को नहाने लायक बनाया जाए। वहीं, दिल्ली और केंद्र सरकार ने यमुना पुनर्जीवन के लिए ऐतिहासिक पहल की है। पढ़ें…पूरी खबर।

(जनसत्ता के लिए भूपेन्द्र पांचाल की रिपोर्ट)