हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में करारी हार का सामना करने के बाद कांग्रेस पार्टी को भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस विधायक दल का नेता नामित करने में करीब एक साल का समय लग गया। इससे वह राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता बन सके। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व का यह कदम पूर्व सीएम हुड्डा के लिए एक राहत भरी खबर है।
हुड्डा को पार्टी की यूनिट के एक वर्ग के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। उनके विरोधी 2014 के बाद से बीजेपी के हाथों पार्टी की लगातार तीसरी हार के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। हरियाणा में विपक्ष के नेता के रूप में अपने नए कार्यकाल में जाट दिग्गज को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। साल 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बीजेपी ने सत्ता से बेदखल कर दिया था। उस वक्त राज्य की 90 सीटों में से कांग्रेस को केवल 15 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। वहीं बीजेपी को 47 सीटें मिली थीं।
हुड्डा 2019 के चुनावों में सीएलपी नेता थे, जब कांग्रेस को 31 सीटें मिलीं, जबकि बीजेपी को 40 सीटें मिलीं। इसके बाद बीजेपी ने दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन करके अपनी सरकार बनाई। हुड्डा ने 2024 के विधानसभा चुनावों में फिर से विपक्ष के नेता के रूप में कांग्रेस का नेतृत्व किया, लेकिन कांग्रेस अभी भी बहुमत से काफी दूर रह गई। बीजेपी को 48 सीटों तो कांग्रेस को केवल 37 सीटें मिलीं।
कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग ने 2024 में अप्रत्याशित हार के लिए हुड्डा और उनके वफादार उदय भान, तत्कालीन हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की खुले तौर पर आलोचना की है। कांग्रेस नेतृत्व हुड्डा से भी नाराज था। यह बात इससे ही समझ आती है कि 37 पार्टी विधायकों के बहुमत का समर्थन होने के बावजूद उन्हें एक साल तक पद के लिए इंतजार कराया गया। हुड्डा बीजेपी के साथ-साथ अन्य विपक्षी दलों के भी निशाने पर हैं।
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इनेलो ने भी हुड्डा को निशाने पर लिया
अभय चौटाला के नेतृत्व वाली इंडियन नेशनल लोकदल भी हुड्डा को निशाने पर ले रही है। उसका ध्यान उनके गृह क्षेत्र रोहतक पर है। 25 सितंबर को इनेलो ने अपने संस्थापक और पूर्व उप-प्रधानमंत्री देवीलाल की 112 वीं जयंती के उपलक्ष्य में सम्मान दिवस रैली के लिए रोहतक को चुना। इसे जाट क्षेत्र में अपनी राजनीतिक जमीन फिर से हासिल करने की पार्टी की कोशिश के तौर पर देखा गया। हुडा के बेटे दीपेंद्र हुडा रोहतक लोकसभा सीट से सांसद हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने भी हुड्डा को निशाने पर रखा है और रोहतक को निशाना बनाया है। अक्टूबर 2024 से, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी गांव वालों से बात करने के लिए कई मौकों पर रोहतक आ चुके हैं। इसी साल अगस्त में सैनी ने रोहतक में तिरंगा फहराया था। शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रोहतक के आईएमटी में साबर डेयरी के दूसरे फेज का उद्घाटन किया था। साथ ही एक सभा को भी संबोधित किया था।
पीएम मोदी सोनीपत में कर सकते हैं रैली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस महीने के आखिर में हरियाणा में बीजेपी सरकार के एक साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में आ सकते हैं। इसके बाद वे रोहतक से सटे सोनीपत में एक रैली को संबोधित कर सकते हैं। हुड्डा को कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त किए जाने पर पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा, “एक मजबूत विपक्ष होने के बावजूद कांग्रेस को विपक्ष का नेता नियुक्त करने में एक साल लग गया। यह उनकी दुविधा को ही दर्शाता है।”
दो बार मुख्यमंत्री, चार बार सांसद और छह बार विधायक रहे हुड्डा को हरियाणा के राजनीतिक दिग्गजों में से एक माना जाता है। हालांकि, अक्टूबर 2024 से, कांग्रेस के अंदर से उनके खिलाफ आवाजें तेज होने लगीं और कई पार्टी नेताओं ने मांग की कि पार्टी की चुनावी हार की जिम्मेदारी हुड्डा पर ही छोड़ दी जाए। अब कांग्रेस आलाकमान द्वारा हुड्डा को कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त करने की कोशिश ने उनके कुछ पार्टी विरोधियों को फिर से नाराज कर दिया है। हुड्डा के एक आलोचक ने कहा, “हम क्या कह सकते हैं। पार्टी नेतृत्व ने सभी पहलुओं का विश्लेषण करके ही कोई फ़ैसला लिया होगा। नतीजे ही बताएंगे कि यह फैसला सही है या नहीं।”
कांग्रेस को आत्मचिंतन की जरूरत- अजय यादव
हुड्डा की नियुक्ति के तुरंत बाद हुड्डा के कट्टर समर्थक माने जाने वाले कैप्टन अजय यादव ने एक एक्स पोस्ट में कहा, “कांग्रेस को अपने आज के फैसले से हरियाणा में पार्टी के गिरते ग्राफ पर आत्मचिंतन करने की जरूरत है। राहुल गांधी हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में एक साफ-सुथरी, बेदाग छवि और युवा चाहते थे, लेकिन फैसला उल्टा है। पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल अपने सबसे निचले स्तर पर है।”
कांग्रेस आलाकमान के फैसले से पार्टी मजबूत होगी- हुड्डा
हुड्डा ने अपनी ओर से कहा, “कांग्रेस आलाकमान ने एक फैसला लिया है। इससे पार्टी मजबूत होगी। 11 साल बाद पार्टी को जमीनी स्तर पर भी कार्यकर्ता मिल गए हैं। जिला अध्यक्षों की नियुक्ति हो गई है और अब हम ब्लॉक और बूथ स्तर पर नियुक्तियां करेंगे।”
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