BJP Rekha Gupta Delhi: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही मुख्यमंत्री को लेकर चल रहा सस्पेंस बुधवार की शाम को खत्म हो गया। बीजेपी ने ऐलान किया कि रेखा गुप्ता दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी। उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का फैसला पार्टी के सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से लिया है। रेखा गुप्ता बीजेपी में कई बड़े पदों पर रही हैं और उन्हें दिल्ली की राजनीति का अच्छा-खासा अनुभव है।
इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिर पार्टी ने रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री क्यों बनाया।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के परिवार में कौन-कौन है? क्या करते हैं पति
महिला वोटर्स को संदेश
रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाने के पीछे सबसे बड़ी वजह उनका महिला होना है। इससे पहले आम आदमी पार्टी की सरकार ने आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया था। बीजेपी की कई राज्यों में सरकार है लेकिन पार्टी ने अब तक किसी भी महिला को मुख्यमंत्री नहीं बनाया था।
इसे लेकर कई बार सवाल उठ चुके थे और बीजेपी इन आरोपों का जवाब देना चाहती थी और उसने रेखा गुप्ता का चयन कर इन सवालों का जवाब देने की कोशिश की है। हालांकि पार्टी कई राज्यों में डिप्टी सीएम जरूर बना चुकी है। राजस्थान, बिहार इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
कौन हैं रेखा गुप्ता? होंगी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री, ABVP से की थी राजनीतिक करियर की शुरुआत
आरएसएस, एबीवीपी से जुड़ी रही हैं रेखा
रेखा गुप्ता बीजेपी के मातृ संगठन माने जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लंबे वक्त से जुड़ी हैं। रेखा गुप्ता आरएसएस के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के जरिए छात्र राजनीति में आई और दिल्ली विश्वविद्यालय में सचिव के साथ ही अध्यक्ष भी बनीं। इसके बाद उन्होंने पार्टी के लिए कई पदों पर काम किया। इसका सीधा संदेश यही है कि पार्टी ने रेखा गुप्ता के द्वारा पार्टी के लिए किए गए काम को ध्यान में रखा है।
वैश्य समाज को साधने की कोशिश
रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाने के साथ ही बीजेपी ने अपने कोर वोट बैंक वैश्य समाज को भी साधने की कोशिश की है। रेखा गुप्ता वैश्य समुदाय से आती हैं और यह माना जाता है कि वैश्य समुदाय का बड़ा तबका बीजेपी का समर्थन करता है। दिल्ली में भी वैश्य समुदाय काफी ताकतवर है। दिल्ली की जनसंख्या में वैश्य समुदाय की आबादी 8% के आसपास है। रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने वैश्य मतदाताओं पर पकड़ मजबूत करने की कोशिश की है।
परिवारवाद के आरोपों से बचने की कोशिश
बीजेपी ने रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर परिवारवाद के आरोपों से बचने की भी कोशिश की है। अगर वह प्रवेश वर्मा को मुख्यमंत्री बनाती तो उस पर परिवारवाद के आरोप लग सकते थे क्योंकि प्रवेश वर्मा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। रेखा गुप्ता किसी राजनीतिक परिवार से नहीं आती हैं। ऐसे में पार्टी ने यह भी संदेश दिया है कि वह परिवारवाद की राजनीति को पसंद नहीं करती और आम कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाती है।
क्लिक कर पढ़िए कि रेखा गुप्ता के सीएम बनने पर बीजेपी के नेताओं ने क्या कहा?