मंगलवार को देश के गृह मंत्री और वर्तमान बीजेपी के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले अमित शाह हरियाणा में थे। हरियाणा में उन्होंने ओबीसी समुदाय से जुड़े एक कार्यक्रम में शिरकत की। इस कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार राज्य में मुस्लिम समुदाय को ओबीसी आरक्षण नहीं देगी। राज्य में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं, ऐसे में उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं।

अमित शाह द्वारा हरियाणा में मुस्लिमों को ओबीसी आरक्षण न देने के बयान पर कांग्रेस पार्टी की तरफ से पलटवार किया जा रहा है। कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि बीजेपी अपने फैक्ट्स चेक कर ले।

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट में बताया गया कि कई नेताओं ने इस बात को हाईलाइट किया है कि मेव मुस्लिमों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है। मेव मुस्लिम बैकवर्ड क्लास की उसी कैटेगरी में आते हैं, जिससे सीएम नायब सिंह सैनी ताल्लुक रखते हैं। बीजेपी जिस वर्गीकरण के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है, उसे वह 2016 से जारी रखे हुए हैं।

हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के डिप्टी लीडर और मेव मुस्लिम नेता अफताब अहमद ने इस बात को हाई लाइट किया कि कैसे राज्य में करीब 60% मुस्लिम बैकवर्ड कैटेगरी में आते हैं और उन्हें आरक्षण का लाभ मिल रहा है। इसका श्रेय जहां कांग्रेस पार्टी को दिया जाता है तो वहीं साल 2016 में खट्टर सरकार के दौरान इससे जुड़े आरक्षण विधेयक पारित किया गया था। इसमें मेओ सहित विभिन्न मुस्लिम समुदायों को पिछड़ा वर्ग ए और पिछड़ा वर्ग बी कैटेगरी में लिस्ट किया गया था।

बीजेपी बोली- केंद्र के संदर्भ में बात कर रहे थे गृह मंत्री

द ट्रिब्यून ने जब इस बारे में बीजेपी के प्रवक्ता संजय शर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि गृह मंत्री राष्ट्रीय परिदृश्य में बात कर रहे थे। मुस्लिम और ओबीसी आरक्षण को लेकर अभी राज्य में काफी कुछ फाइनल होना है इसलिए हम इसपर ज्यादा कमेंट नहीं कर सकते।

कांग्रेस नेता आफताब अहमद कहते हैं कि यह बीजेपी के दिवालियापन की तरफ इशारा करता है। हरियाणा में दस साल से उनकी सरकार है और जब गृह मंत्री को जनता को संबोधित करना था तो उन्होंने विकास के काम गिनाने के बजाय हिंदू-मुस्लिम पर बात की। वह किसी नए समुदाय को आरक्षण के जरिए फायदा देने की बात कर सकते थे लेकिन उन्होंने ध्रुवीकरण पर ध्यान दिया, यह बीजेपी का करेक्टर है।

हरियाणा में कितने मुस्लिम?

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में मुस्लिमों की अनुमानित 25 लाख जनसंख्या में से करीब 16 लाख मेव मुस्लिम हैं। हरियाणा बैकवर्ड क्लास बिल 2016 के अमनुसार, बैकवर्ड क्लास को दो कैटेगरी में बांटा गया है। ए कैटेगरी में 71 जातिया हैं, जिनमें 13 मुस्लिम हैं। बी कैटेगरी में मेव मुस्लिम शामिल किए गए हैं। इनमें अहीर/यादव, लोध/लोधा/लोधी, सैनी/शाक्य/कोइरी/कुशवाहा/मौर्य, गुज्जर, और गोसाईं/गोसाईं/गोस्वामी शामिल हैं।

अमित शाह ने यूं ही नहीं दिया बयान

हरियाणा की धरती पर अमित शाह के बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में बहुमत से चुकी बीजेपी को इस बार लोकसभा चुनाव में बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। 2019 में दस लोकसभा सीटें जीतने वाली बीजेपी को इस बार सिर्फ पांच सीटें मिली हैं। कांग्रेस पार्टी ने राज्य में अपने वोट शेयर में भी इजाफा किया है, मतलब स्पष्ट है कि कांग्रेस को जाट समुदाय के वोटों के साथ अन्य जातियों का वोट भी मिली है। राज्य के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा लगातार 36 बिरादरियों के समर्थन की बात कर रहे हैं।

अब आने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को अगर जीत हासिल करनी है तो उसे अपने परंपरागत वोट बैंक के साथ ओबीसी जातियों को अपने पक्ष में एकजुट करना ही होगा। ऐसे में अमित शाह ने बहुत ही सोच-समझकर मुस्लिमों को लेकर बयान दिया है।

अमित शाह ने बीते मंगलवार महेंद्रगढ़ में कहा था कि अगर विपक्षी पार्टी हरियाणा में सत्ता में आती है, तो वह पिछड़ा वर्ग का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को दे देगी। अमित शाह ने कहा, “कर्नाटक में कांग्रेस ने पिछड़े वर्गों से आरक्षण छीनकर मुसलमानों को दे दिया। अगर वे यहां (सत्ता में) आते हैं तो यहां भी ऐसा ही होगा।” उन्होंने कहा, “मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम हरियाणा में मुसलमानों के लिए आरक्षण की अनुमति नहीं देंगे।”