Akhilesh Yadav: कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच भुवनेश्वर एक बैठक हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। जिसने कांग्रेस पार्टी में कई लोगों को असहज कर दिया है। सूत्रों ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) जेना की स्थिति और कद को देखते हुए राज्य में हो रहे घटनाक्रम पर नजर रख रही है।
ये घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आए हैं जब पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीकांत कुमार जेना ने शिकायत की थी। जिसमें कहा गया था कि फरवरी में प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष पद के लिए उनके कनिष्ठ नेता भक्त चरण दास को चुने जाने के बाद उन्हें दरकिनार कर दिया गया। जबकि जेना ने दावा किया कि वह कहीं नहीं जा रहे थे। वहीं, ओडिशा में कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाया कि उन्होंने सपा अध्यक्ष के साथ प्रेस को संबोधित करने का विकल्प क्यों चुना।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसे संकेत मिले जो जेना के पार्टी सहयोगियों को असहज करने के लिए काफी थे। अखिलेश यादव ने कांग्रेस नेता की खूब तारीफ की और कहा कि अगर उनके जैसे लोग एक साथ आ जाएं तो सामाजिक न्याय की लड़ाई एकजुट होकर लड़ी जा सकेगी।
हालांकि, जेना ने कांग्रेस छोड़ने से इनकार किया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं अखिलेश जी के परिवार को तब से जानता हूं जब उनके पिता (मुलायम सिंह यादव) और मैं एक साथ केंद्रीय मंत्री थे। उन्होंने (अखिलेश यादव ) मुझे बताया कि वह अपने परिवार के साथ दर्शन के लिए पुरी जा रहे हैं। मैंने उनसे कहा कि उन्हें मुझसे मिलना चाहिए, क्योंकि वह भुवनेश्वर से होकर गुजरेंगे। हम इंडिया ब्लॉक में हैं और साथ मिलकर काम कर रहे हैं। मैं कहीं नहीं जा रहा हूं और कांग्रेस में ही रहूंगा।
ओडिशा कांग्रेस में, जो अपने बचे हुए आधार को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है, यह भावना है कि इसे टाला जा सकता था। ओडिशा कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जेना और यादव की मुलाकात एक निजी मामला हो सकता था। नेता ने पूछा कि उनके साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने की क्या ज़रूरत थी? अगर उन्हें उनसे मिलना ही था, तो यह व्यक्तिगत स्तर पर किया जा सकता था। इसे सार्वजनिक क्यों किया गया?
दिल्ली में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ओडिशा में जेना जी एक महत्वपूर्ण नाम हैं और पार्टी उन्हें खोना नहीं चाहेगी। हम बैठकों के बारे में उनसे चर्चा करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि वह खुश रहें। राज्य कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि वह चाहते हैं कि पार्टी आलाकमान जेना को उनके कद के अनुरूप पद प्रदान करे।
ओडिशा में कांग्रेस के एक विधायक ने कहा कि वह एक महत्वपूर्ण नेता हैं। उन्हें पार्टी में बनाए रखने की जरूरत है। इसके लिए पार्टी को उन्हें एआईसीसी में पद देना चाहिए, ताकि वह सपा में न चले जाएं। सपा हमारी सहयोगी है, लेकिन हर पार्टी वही करती है जो उसके लिए सबसे अच्छा होता है। अगर अखिलेश यादव को लगता है कि जेना को अपने साथ जोड़कर ओडिशा में फायदा हो सकता है, तो वह ऐसा कर सकते हैं।
सपा के सूत्रों ने बताया कि पार्टी ओडिशा में कुछ वरिष्ठ नेताओं को अपने साथ लाने पर विचार कर रही है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम बीजद (बीजू जनता दल ) के कुछ नेताओं के संपर्क में हैं और उन्हें अपने साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। हम उस राज्य में पार्टी का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं जो दशकों से भाजपा के खिलाफ रहा है।
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वहीं, सपा ओडिशा में कदम रखने और अपनी उपस्थिति स्थापित करने की कोशिश कर रही है, ऐसे समय में जब कांग्रेस राज्य की राजनीति में हाशिए पर चली गई है और बीजेडी आंतरिक समस्याओं से जूझ रही है। पार्टी प्रमुख नवीन पटनायक खुद सवालों का सामना कर रहे हैं। ओडिशा में 40 से अधिक वर्षों तक शासन करने वाली कांग्रेस का राज्य में लगातार पतन हो रहा है। 2019 में इसका वोट शेयर गिरकर 16.12% रह गया। पिछले साल, इसका वोट शेयर और गिरकर 13.26% हो गया, जबकि विधानसभा में इसकी संख्या नौ से बढ़कर 14 हो गई।
सपा के एक नेता ने कहा कि राज्य ने इस बार भाजपा को सत्ता में लाने के लिए वोट दिया है, लेकिन इसमें बदलाव की संभावना है। यही कारण है कि हमारी पार्टी ने अपने संगठन और आधार का विस्तार करने के लिए राज्य को चुना है।2019 में कांग्रेस से निष्कासित जेना मार्च 2024 में पार्टी में लौट आए। लोकसभा चुनाव में वे बालासोर में भाजपा के प्रताप चंद्र सारंगी से हार गए।
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(इंडियन एक्सप्रेस के लिए असद रहमान की रिपोर्ट)