महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। महायुति ने बड़ी जीत हासिल की है। चुनाव की तारीखों के ऐलान और फिर टिकट बंटवारे के बाद बड़ी तादाद में बागियों ने अलग-अलग सीट पर उतरने का ऐलान किया था। चुनाव के दौरान चर्चा हुई कि बागी उम्मीदवार कई पार्टियों का खेल खराब करने वाले हैं। हालांकि राज्य भर में चुनाव मैदान में उतरे 50 बागियों में से केवल दो ही जीत पाए हैं। महाराष्ट्र में महायुति को चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 235 सीटें मिली हैं, वहीं महा विकास आघाडी को सिर्फ 49 सीटें मिल सकी हैं।
बागियों ने कितनी सीटों पर बिगाड़ा खेल?
महाराष्ट्र विधानसभा के तहत चुनाव लड़ने वाले तकरीबन 50 बागी उम्मीदवारों में से 2 ही जीत सके हैं जबकि 11 अन्य सीटों पर नतीजों को प्रभावित करने में बागियों की भूमिका रही है। महायुति ने ऐसी सात सीटें खो दी हैं, जहां उसके बागी मौजूद थे, जबकि एमवीए को ऐसी चार सीटों पर नुकसान हुआ है।
कम से कम 12 सीटों पर महायुति के बागियों को जीत के अंतर से अधिक वोट मिले हैं। ऐसी सीटों में से पूर्व भाजपा सांसद हीना गावित (नंदुरबार) और राकांपा नेता समीर भुजबल (नंदगांव) जैसे कुछ बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है।
जीतने वाले दो बागी मूल रूप से महायुति की पार्टी के हैं – शरद सोनवणे (शिवसेना), जिन्होंने जुन्नार में जीत हासिल की और दूसरे शिवाजी पाटिल (भाजपा) ने चांदगढ़ में जीत हासिल की है।
एनसीपी (अजित पवार) को हुआ सबसे ज़्यादा नुकसान
बागियों की मौजूदगी से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाली पार्टी महायुति की तीसरी सहयोगी पार्टी अजीत पवार की अगुआई वाली एनसीपी है। एनसीपी को पांच सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। जिन चार सीटों पर बागियों ने एमवीए को नुकसान पहुंचाया है वे परतुर, जिंतुर, श्रीगोंडा और इंदापुर हैं। जबकि बडनेरा, पाटन और रामटेक जैसी कई सीटों पर बागियों को गठबंधन के आधिकारिक उम्मीदवारों से ज़्यादा वोट मिले हैं।
उदाहरण के लिए परतुर में कांग्रेस के बागी सुरेशकुमार जेठलिया को 53,921 वोट मिले हैं जबकि भाजपा के बबनराव यादव और शिवसेना (यूबीटी) के आसाराम बोर्डे के बीच जीत का अंतर 4,740 वोट रहा है। जिंतुर में जहां भाजपा की मेघना बोर्डिकर ने एनसीपी (एसपी) के विजय भांबले को 4,516 वोटों से हराया, यहां कांग्रेस के बागी सुरेश नागरेको 56,474 वोट मिले हैं।
श्रीगोंडा में जहां भाजपा के बबन पचपुते ने शिवसेना (यूबीटी) की अनुराधा नागवाड़ा को हराया वहां एनसीपी (एसपी) के बागी राहुल जगताप ने 62,000 से अधिक वोट हासिल किए और दूसरे स्थान पर रहे। ऐसे कई और भी सीटों पर हुआ है।
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महायुति को भी हुआ नुकसान
महायुति के दो बागियों के जुन्नार और चांदगढ़ जीतने के अलावा बीड, करमाला, माधा, रिसोड और अकोला पश्चिम निर्वाचन क्षेत्रों में भी महायुति को नुकसान हुआ है। उदाहरण के लिए बीड विधानसभा को लेते हैं जहां एनसीपी (एसपी) के उम्मीदवार संदीप क्षीरसागर ने एनसीपी के योगेश क्षीरसागर को 5,324 वोटों से हराया है। यहां शिवसेना के बागी अनिल जगताप ने 15,613 वोट हासिल किए हैं। अकोला पश्चिम में भाजपा के आधिकारिक उम्मीदवार विजय अग्रवाल कांग्रेस के साजिद पठान से 1,283 वोटों से हार गए। यहीं बीजेपी के बागी हरीश अलीमचंदानी को 21,481 वोट मिले हैं।
करनाला में, एनसीपी के बागी संजयमामा शिंदे ने शिवसेना के दिग्विजय बागल को नुकसान पहुंचाया। शिंदे को 80,006 वोट मिले, जो एनसीपी (एसपी) के नारायण पाटिल के 16,000 वोटों के अंतर से जीत के अंतर से कहीं अधिक है।