Satyapal Malik Death: जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का आज दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में निधन हो गया है। वे कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की जानकारी निजी सचिव केएस राणा द्वारा दी गई है। 5 अगस्त 2019 को जब केंद्र ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किया था, तो उस वक्त सत्यपाल मलिक ही जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे।

सत्यपाल मलिक एक दिग्गज राजनेता के तौर पर जाने जाते थे। केंद्र सरकार ने जब तीन कृषि कानून पारित किए थे, तो उस दौरान ही किसान आंदोलन हुआ था। किसानों ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उस वक्त भी सत्यपाल मलिक पद थे लेकिन समय समय पर कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार के आलोचना कर देते थे। वहीं पद से हटने के बाद उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ विद्रोह कर दिया था।

आज की बड़ी खबरें…

छात्र राजनीति से की थी शुरुआत

सत्यपाल मलिक ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1968-1969 में छात्र राजनीति से की थी। चौधरी चरण सिंह से करीबी के चलते उन्होंने 1974 में चुनावी राजनीति में एंट्री मारी थी और बागपत से विधानसभा का चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने। इसके बाद वे चौधरी चरण सिंह के साथ ही लोक दल में शामिल हो गए थे, उन्हें चरण सिंह ने पार्टी का महासचिव बनाया।

सत्यपाल मलिक 1980 में लोक दल की ओर से ही राज्यसभा पहुंचे। लोकदल के बाद वे 1984 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस ने उन्हें 1986 में एक बार फिर राज्यसभा पहुंचे।

सत्यपाल मलिक की नेटवर्थ कितनी थी?

कांग्रेस, जनता दल और बीजेपी से संबंध

जब राजीव गांधी की सरकार पर बोफोर्स घोटाले के आरोप लगे थे तो इसके चलते उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। नतीजा ये कि वे वीपी सिंह के नेतृत्व वाले जनता दल में शामिल हो गए थे। 1989 में जनता दल के टिकट पर अलीगढ़ से जीतकर मंत्री बने थे और संसदीय मामलों और पर्यटन के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री बे थे।

सत्यपाल मलिक साल 2004 में बीजेपी में चले गए थे। लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में मलिक ने बागपत से रालोद प्रमुख अजीत सिंह से हार का सामना किया। खास बात यह भी है कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान सत्यपाल मलिक को भूमि अधिग्रहण विधेयक पर विचार करने वाली संसदीय टीम का प्रमुख नियुक्त किया गया। हालांकि मलिक के इस पैनल ने विधेयक के खिलाफ अपनी राय दी।

नहीं रहे सत्यपाल मलिक

मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा

सत्यपाल मलिक बीजेपी में कई अहम पदों पर रहे थे। मोदी सरकार ने उन्हें 2017 में बिहार का राज्यपाल बनाया था। एक साल तक बिहार के राज्यपाल रहने के बाद उन्हें अगस्त 2018 में जम्मू कश्मीर में राज्यपाल बनाकर भेजा गया था। उनके जम्मू-कश्मीर कार्यकाल के दौरान ही मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया था। हालांकि मलिक को नवंबर 2019 में कश्मीर से हटाकर गोवा और फिर मेघालय का राज्यपाल बनाया गया था।

किसान आंदोलन से लेकर पुलवामा आतंकी हमले को लेकर सत्यपाल मलिक ने मोदी सरकार की तीखी आलोचना की थी। इसके चलते ही वे विपक्षी दलों के नेताओं के साथ भी दिखने लगे थे। कई मुद्दों पर मोदी सरकार की खिलाफत के चलते सत्यपाल मलिक हमेशा ही चर्चा में रहते थे।

‘अपनी कब्र खुद…’, विपक्ष के हंगामे पर PM मोदी का सबसे बड़ा वार; राहुल का भी जिक्र