जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने मंगलवार को श्रीनगर जिले में कई जगहों पर छापेमारी की। ये कार्रवाई 1990 के दशक की शुरुआत में एक कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट्ट की हत्या के मामले में की गई। इसने पूरी घाटी को हिलाकर रख दिया था। अधिकारियों ने बताया कि इस मामले को फिर से खोला गया है और जांच तेज कर दी गई है।

अब सरला भट्ट के मामले की बात करें तो 27 साल की भट्ट को 1990 में जम्मू -कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के आतंकियों ने अगवा कर लिया था। गोलियों से छलनी उनकी लाश पांच दिन बाद श्रीनगर शहर में मिली थी। वह अनंतनाग जिले के छोटे से इलाके काजीबाग की रहने वाली थीं। वह शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SKIMS) में नर्स थीं।

14 अप्रैल 1990 को वह एसकेआईएमएस में मौजूद अपने हॉस्टल में थी, तब उग्रवादियों ने उन्हें पुलिस मुखबिर बताकर अगवा कर लिया था। शव मिलने के बाद ही इस बात का पता चला कि उनके साथ रेप भी किया गया था। एसआईए की टीम ने 2023 में गंजू की हत्या का मामला फिर से खोला। उसकी भी जेकेएलएफ उग्रवादियों ने हत्या कर दी थी। गंजू ने जेकेएलएफ के संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट्ट को मौत की सजा सुनाई थी। उसकी नवंबर 1989 में हत्या कर दी गई थी।

कैसे खुला सरला भट्ट की हत्या का मामला?

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2017 में कश्मीर में सैंकड़ों कश्मीरी पंडित की हत्याओं की जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने यह तर्क देते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि घाटी से पंडितों के पलायन को 27 साल बीत चुके हैं और इससे जुड़े सबूत मिलने की संभावना कम है।

35 साल पुराने सरला भट्ट हत्या मामले में SIA ने आठ स्थानों पर मारा छापा

वहीं साल 2023 में कश्मीरी पंडितों की हत्या की जांच की मांग करने वाली संस्था की क्यूरेटिव याचिका को फिर से खारिज कर दिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव याचिका खारिज होने के दो महीने के बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा प्रशासन ने जज हत्याकांड को फिर से खोल दिया। इतना ही नहीं यह भी संकेत दिया था कि बाकी मामलों को भी फिर से खोला जाएगा।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने साल 2008 में खुद मामलों का एक सर्वे किया था। इसी के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट से पता चला कि साल 1989 के बाद से आतंकियों ने 209 कश्मीरी पंडितों की हत्या की है। इनमें से 109 हत्याएं अकेले साल 1990 में हुई थीं। हालांकि, कश्मीरी पंडित लोगों का कहना है कि यह संख्या इससे भी कही ज्यादा हो सकती है। पुलिस सर्वे से इस बात की जानकारी मिलती है कि घाटी भर के पुलिस स्टेशन में करीब 140 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 24 में चार्जशीट दाखिल की गई। वहीं 115 अपराधियों की पहचान होना अभी भी बाकी है। जानिए कौन थे वो कश्मीरी पंडित जिनकी आंतकियों ने बेरहमी से की हत्या