Lok Sabha Chunav 2024: सियासी महकमों में शनिवार को पारा तब गर्म हो गया जब बीजेपी ने अपनी दिग्गज नेता पूनम महाजन (Poonam Mahajan) का टिकट काट दिया। पूनम महाजन बीजेपी के पूर्व फायरब्रांड नेता प्रमोद महाजन (Pramod Mahajan) की बेटी हैं लेकिन इस बार पार्टी ने उनकी जगह एक ऐसे शख्स को टिकट दिया है, जो कि अपने करियर का पहला चुनाव लड़ने वाले हैं। सत्ताधारी पार्टी ने मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट (Mumbai North Central Lok Sabha Seat) से उज्जवल निकम (Ujjwal Nikam) को अपना प्रत्याशी घोषित किया है जो कि काफी नामी चेहरा माना जाता है।

पूनम महाजन दो बार लगातार बीजेपी की सांसद रही हैं लेकिन उनकी जीत का अंतर 2019 में घटना बीजेपी के लिए टेंशन वाली बात थी। नतीजा ये कि पार्टी ने पूनम महाजन के बजाए उज्जवल निकम को वरीयता दी। उज्जवल निकम देश का काफी पॉपुलर चेहरा रहे हैं, जिसके चलते बीजेपी ने उन पर दांव लगाया है।

उज्जवल निकम की बात करें तो वे देश के जाने-माने वकील रहे हैं। वह सबसे ज्यादा चर्चा में तब आए ते जब वे मुंबई के 26/11 हमले के विशेष लोक अभियोजक बने थे। दिलचस्प बात यह है कि प्रमोद महाजन की हत्या के केस में भी सरकारी वकील के तौर पर थे, और आज वे प्रमोद महाजन की ही बेटी पूनम की लोकसभा सीट पर मजबूत प्रत्याशी बन गए हैं।

कई अहम केसों में रही है उज्जवल निकम की भूमिका

मुंबई नॉर्थ सेंट्रल एक समय कांग्रेस का गढ़ थी लेकिन आज यह बीजेपी का किला बन गई है। कांग्रेस ने इस सीट से वर्षा गायकवाड़ को उतारा है। उज्ज्वल निकम 26/11 मुंबई हमले के अलावा 1993 बम ब्लास्ट, गुलशन कुमार मर्डर समेत कई हाई प्रोफाइल केस में सरकारी पक्ष की पैरवी कर चुके हैं।

कसाब को फांसी दिलाने में निभाई थी अहम भूमिका

उज्जवल निकम को साल 2016 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की ओर से पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साल 2009 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की ओर से सतारा से स्वतंत्रता सेनानी उंधलकर पुरस्कार दिया गया था। निकम जब मुंबई हमले के केस के मुख्य अभियोजक बने थे, तो सरकार द्वारा उन्हें जेड सिक्योरिटी भी दी गई थी।

मुंबई हमले में पकड़े गए एक मात्र आतंकी अजमल आमिर कसाब के मुकदमे में भी निकम सरकारी वकील थे और उन्होंने कसाब की मौत की सजा को मुकर्रर करने को लेकर कोर्ट में बहस भी की थी, जो कि उनकी एक अहम सक्सेस स्टोरी भी रही थी।

कसाब को बिरियानी खिलाने का जिक्र

उज्जवल निकम ने कसाब को बिरियानी खिलाने की बात कहकर एक बार काफी बड़ा बवाल खड़ा कर दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने कसाब को फांसी दिए जाने के 3 साल बाद एक बातचीत में कहा था कि कसाब ने कभी भी मटन बिरयानी नहीं मांगी थी और ना ही उसको बिरयानी दी गई थी। उन्होंने यह बात इसलिए तब कह दी थी क्योंकि कसाब के लिए भावनात्मक माहौल बनाने की कोशिश हो रही थी।

कसाब को लेकर काफी ज्यादा चर्चा में हो रही थी और मामले को एक भावनात्मक एंगल देने की कोशिश की जा रही थी। निकम का कहना था कि बिरियानी वाली बात से माहौल काफी बदल गया था।