पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अब एक साल से भी कम समय बचा है। ऐसे में भाजपा अपनी संगठनात्मक स्थिति मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। पार्टी नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में राज्यसभा सांसद समिक भट्टाचार्य को नियुक्त करने जा रही है, जिन्होंने बुधवार को नामांकन दाखिल किया। वे केंद्रीय मंत्री और मौजूदा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की जगह जिम्मेदारी संभालने को तैयार हैं।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, देशभर में भाजपा जिन राज्यों में नए अध्यक्ष नियुक्त कर रही है, उसमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है। भट्टाचार्य के सामने सबसे बड़ी चुनौती राज्य इकाई में व्याप्त गुटबाजी को समाप्त करना होगा। केंद्रीय नेतृत्व को भरोसा है कि वे पार्टी के विभिन्न गुटों के बीच संतुलन बनाने वाले एक स्वीकार्य चेहरे साबित होंगे।

पार्टी का मानना है कि जमीनी स्तर के नेताओं को मिलती है प्राथमिकता

एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “भाजपा हमेशा जमीनी नेताओं को प्राथमिकता देती है और भट्टाचार्य इस दृष्टिकोण के लिए उपयुक्त हैं। वे लंबे समय से सभी जिला स्तर के नेताओं से जुड़े हुए हैं, और संवाद स्थापित करने में सहज हैं।”

नेता ने आगे बताया कि भट्टाचार्य का केंद्रीय और राज्य नेतृत्व के प्रति निष्ठावान रवैया, सभी गुटों के साथ मधुर संबंध और आरएसएस से निकटता, उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार बनाते हैं। उन्होंने कहा, “भट्टाचार्य व्यक्तिगत हमलों से दूर रहते हैं और उनके नेतृत्व में पार्टी एकजुट होकर 2026 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी।”

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61 वर्षीय समिक भट्टाचार्य के पास चार दशकों से अधिक का राजनीतिक अनुभव है। उन्होंने 1971 में हावड़ा से आरएसएस के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी और बाद में भाजपा से जुड़े। 1990 के दशक में अपने प्रभावशाली भाषण कौशल के चलते वे पार्टी के लोकप्रिय चेहरों में शुमार हो गए और निरंतर संगठन में ऊपर चढ़ते गए।

उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा के दक्षिण हावड़ा मंडल के महासचिव और हावड़ा ज़िले के महासचिव जैसे कई पदों पर कार्य किया। बाद में उन्हें भाजपा की युवा शाखा का राज्य महासचिव नियुक्त किया गया, जिस पद पर वे 11 वर्षों तक बने रहे। भट्टाचार्य ने तीन कार्यकालों तक पश्चिम बंगाल भाजपा के महासचिव के रूप में भी योगदान दिया।

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साल 2014 में उन्होंने बशीरहाट दक्षिण विधानसभा उपचुनाव जीता और लगभग एक वर्ष से अधिक समय तक विधायक रहे। पिछले वर्ष उन्हें राज्यसभा में भेजा गया। एक वरिष्ठ माकपा नेता ने कहा, “वे इतने प्रभावशाली वक्ता हैं कि विपक्ष के नेता (LoP) सूर्यकांत मिश्रा (CPI-M) ने उन्हें विधानसभा में अपने कोटे से बोलने का समय दिया, क्योंकि 2014 से 2016 तक वे अकेले भाजपा विधायक थे और उन्हें पांच मिनट से अधिक का समय नहीं दिया जा रहा था।”

भट्टाचार्य को कविताएं पढ़ने का विशेष शौक है और वे अक्सर शंख घोष और शक्ति चट्टोपाध्याय जैसे अपने प्रिय कवियों को उद्धृत करते हैं। वर्ष 2017 में, राज्य सीआईडी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यान्वयन में कथित घोटाले की जांच के सिलसिले में उन्हें तलब किया था।