Ram Vilas Vedanti Passes Away: भारतीय जनता पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से पूर्व लोकसभा सांसद राम विलास वेदांती का सोमवार को 67 साल की उम्र में निधन हो गया। मध्य प्रदेश के रीवा में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका पार्थिव शरीर आज अयोध्या लाया जा रहा है, जहां उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, पूर्व सांसद एवं श्री अयोध्या धाम स्थित वशिष्ठ आश्रम के पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती जी महाराज का गोलोकगमन आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! उनका जाना एक युग का अवसान है। धर्म, समाज व राष्ट्र की सेवा को समर्पित उनका त्यागमय जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”

मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम ने जताया दुख

मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने भी वेदांती के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए इसे भारतीय समाज और भगवान राम के भक्तों के लिए अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि वेदांती का जीवन “संतत्व, देशभक्ति और धर्म के प्रति अटूट समर्पण का उदाहरण” बना रहेगा।
उन्होंने X पर कहा, “उनके जाने से एक युग का अंत हो गया है, लेकिन उनके विचार, संघर्ष और दृढ़ संकल्प राम के लाखों भक्तों को सदा प्रेरित करते रहेंगे।”

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कौन थे राम विलास वेदांती?

रामविलास वेदांती का जन्म रीवा के गुढ़वा में सात अक्टूबर 1958 को हुआ था। जब वह दो साल के थे, तब उनकी मां का निधन हो गया था। उनके पिता राम सुमन त्रिपाठी पुरोहित थे और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह के गुरु थे। वे राम मंदिर आंदोलन में इसकी शुरुआत से ही सक्रिय तौर पर शामिल रहे और 12वीं लोकसभा में सांसद के तौर पर काम किया। राम विलास वेदांती प्रतापगढ़ जिले में कमल खिलाने वाले पहले व्यक्ति थे। वह पहले तो जौनपुर की मछलीशहर सीट से और बाद में प्रतापगढ़ के सांसद रहे। वह बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आरोपी थे। 2020 में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए उन्हें और अन्य सभी आरोपियों को यह कहते हुए बरी कर दिया था कि विध्वंस के पीछे कोई पूर्व नियोजित साजिश नहीं थी।

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