Jammu-Kashmir News: जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा तुरंत बहाल करने की मांग करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि आर्टिकल 370 को हटाने का 2019 का फैसला अवैध और असंवैधानिक था। इतना ही नहीं उन्होंने जोर देकर कहा कि दिल्ली और कश्मीर के बीच की दूरी कभी कम नहीं हुई है।
दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘370 हो या स्टेहुड हो बेसिक चीज जो है वो दिल्ली और कश्मीर की दूरी कम कभी नहीं हुई। जब से हम भारत का हिस्सा बने, तब से दूरियां बढ़ती ही गईं कम नहीं हुईं। मुसलमान पर भरोसा नहीं है, सही बात तो यह है। तो भरोसा कब आएगा, ऊपरवाला जानता है। कब आप हमें इंसान समझेंगे, कब समझेंगे कि हम भारतीय हैं। क्या जब हम टीका करेंगे। मैं मुसलमान हूं, मुसलमान रहूंगा और मुसलमान ही मरूंगा। मगर मैं भारतीय मुसलमान हूं, पाकिस्तानी या चीनी मुसलमान नहीं हूं। कब आप हिंदुस्तान के मुसलमान पर भरोसा करेंगे।’
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हम यहां भीख मांगने नहीं आए – फारूक अब्दुल्ला
राज्य का दर्जा मांगने पर पूर्व सीएम ने कहा, ‘हम यहां भीख मांगने नहीं आए हैं। भारतीय होने के नाते यह हमारा अधिकार है। हमारा राज्य का दर्जा बहाल करो। आपने जो किया है वह असंवैधानिक है। राज्यपाल ने खुद कहा कि उन्हें कानून की जानकारी नहीं है। क्या इसी तरह आप किसी राज्य को खत्म करते हैं। आज हमें इस नजरिये से देखा जाता है कि हम कौन सी भाषा बोलते हैं, हम किस धर्म से ताल्लुक रखते हैं। यह मेरा भारत नहीं है। पाकिस्तान के साथ धार्मिक पहचान साझा करने के बावजूद, हमने गांधी को चुना। काश वे नेता अपनी कब्रों से उठकर देख पाते कि भारत क्या बन गया है।’
डिप्टी सीएम ने क्या कहा?
जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी ने कहा, ‘भारत जम्मू-कश्मीर को अपना मुखिया कहता है, लेकिन उस मुखिया को गंभीर चोट पहुंची है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे अभी भी समझ नहीं आ रहा है कि किस कानून के तहत एक राज्य को नगरपालिका में बदल दिया गया है।’ अनुच्छेद 370 को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने में सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, फिर भी इसे बरकरार रखा। यह एक ऐसा फैसला है जिसकी समीक्षा की जानी चाहिए।’ कटरा रेलवे स्टेशन पहुंचे फारूक अब्दुल्ला बोले- माता ने बुलाया है