राजस्थान के भीलवाड़ा के कलेक्टर जब अपने जिले में लॉकडाउन की स्थिति का जायजा लेने पहुंचे तो उन्हें रास्ते में एक महिला पुलिस कॉन्स्टेबल ने रोका। दरअसल, कलेक्टर साइकिल पर सवार हो भीतरी इलाकों का मुआयना कर रहे थे। तभी महिला पुलिसकर्मी ने साइकिल पर निकले कलेक्टर को रोका। कलेक्टर ने महिला पुलिसकर्मी की इस मुस्तैदी की जमकर तारीफ की।

क्या है मामला?: घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। जिसमें देखा जा सकता है कि कलेक्टर साइकिल पर सवार हैं और उनके साथ बस एक और व्यक्ति साइकिल पर है। कलेक्टर जैसे ही एक पोस्ट के पास पहुंचते हैं तो महिला पुलिसकर्मी साइकिल पर सवार लोगों को रोक कर पूछती है-लॉकडाउन लगा हुआ है। कहां जा रहे हो? इतने में कलेक्टर रुक जाते हैं और उनका साथी पुलिसकर्मी को बताता है – ये डीएम साहब हैं। जिसके बाद कलेक्टर ने मौके पर तैनात महिला पुलिसकर्मी को सराहा।

महिला पुलिसकर्मी को मालूम नहीं था कि साइकिल पर सवार कोई और नहीं बल्कि जिले के कलेक्टर शिव प्रसाद एम नकाते हैं। पुलिसकर्मी को ये तो मालूम था कि डीएम निरीक्षण के लिए निकलेंगे लेकिन ये उम्मीद थी कि वे गाड़ी की जगह इस तरह साइकिल पर आएंगे।

पिछले साल राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में कोरोना नियंत्रण के मॉडल की हर जगह चर्चा हुई थी। इसकी तर्ज पर बाकी जगहों को सील करने का काम भी किया गया था। COVID-19 मामलों को कम करने के लिए यह जिला एक आकर्षण का केंद्र बन गया था।

भीलवाड़ा COVID-19 नियंत्रण “मॉडल” राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में प्रशासन द्वारा इस बीमारी को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में है। पिछले साल यह जिला कोरोना वायरस मामलों के एक हॉटस्पॉट के रूप में उभरा था। COVID-19 के प्रकोप के चलते भीलवाड़ा जिला भारत में सबसे अधिक प्रभावित स्थानों में से एक था।

राजस्थान सरकार द्वारा किए गए उपायों में जिले में कर्फ्यू लगाना, यहां तक कि आवश्यक सेवाओं पर रोक भी लगाना, मामलों की जांच के लिए व्यापक स्क्रीनिंग और घर-घर सर्वेक्षण और प्रत्येक पॉजिटिव मामले का विस्तृत संपर्क ट्रेसिंग करना जिससे एक डोजियर बनाया जा सके, शामिल था।

मॉडल की सफलता का श्रेय इस तथ्य को जाता है कि भीलवाड़ा, जो राजस्थान में सबसे अधिक कोरोना वायरस मामलों की रिपोर्ट करने वाला पहला जिला था, वहां बाद में सिर्फ एक पॉजिटिव मामला दर्ज किया गया।