राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने NDTV के साथ बात करते हुए एक बार कहा था कि हमने बहुत बुरा वक्त देखा है। उन्होंने कहा था कि हमारा ही सिर्फ एक परिवार होगा जिसपर सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स के छापे पड़ते रहे थे। इतने छापे पड़े थे कि सीबीआई को मेरे घर पर ही एक दफ्तर खोल लेना चाहिए था।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बचपन से ही हम राजनीतिक और सामाजिक रूप से काफी जागरूक रहे थे। हमने काफी बुरा टाइम देखा था।2004 की घटना को लेकर 2017 में हमारे खिलाफ एफआईआर दर्जी की गयी। वो भी एक कथित तौर पर घोटाला। जब में 13-14 साल का था तब कहा गया है कि मैं षड्यंत्र कर रहा था। जब मैं क्रिकेट खेलता था तब के बारे में कहा जा रहा है कि मैं षड्यंत्र कर रहा था। आप लोगों ने कभी मुझे रेलवे बोर्ड की बैठक में बैठे हुए देखा था?
तेजस्वी यादव ने कहा कि राजनीतिक फायदा के लिए मेरे पिता के नाम को लगातार बदनाम किया गया। मेरे पिता को कोई जोकर कहता, कोई मजकिया कहता। लोग किसी भी हालत में उन्हें बदनाम करना चाहते थे।
सामाजिक न्याय के मुद्दे पर बोलते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि जो समाज के पिछड़े हुए लोग हैं। जिन्हें समाज में सम्मान नहीं मिलती थी। अगर उन्हें सम्मान दिलवाने का काम किया तो क्या गलत है? जिसके पास आवाज नहीं था अगर उसे आवाज देने का काम किया तो क्या गलत है? लोगों को मुख्यधारा में लाने का काम किया तो इसे आप क्या कहेंगे? जो दिखता है विकास सिर्फ वही नहीं है। आप सड़क बना दो सिर्फ वही विकास नहीं है। उस दौर में सामाजिक न्याय के लिए काम करना जरूरी था।
तेजस्वी यादव ने कहा कि 90 के दौर में पूरा देश जल रहा था लेकिन आडवाणी जी को गिरफ्तार करने के बाद भी बिहार में कोई दंगे नहीं हुए थे। साथ ही उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा 7 यूनिवर्सिटी लालू प्रसाद जी ने बनाने का काम किया था।