Reliance Industries के संस्थापक धीरूभाई अंबानी की सफलता का मंत्र क्या था? यह उनके बेटे और RIL चेयरमैन मुकेश अंबानी ने दो साल पहले एक कार्यक्रम में बताया था। उन्होंने इसके साथ ही समझाया था कि कैसे अपना देश चीन को पीछे छोड़ सकता है।
वाकया साल 2018 का है। अंबानी तब Republic Summit 2018 में पहुंचे थे। Republic Media Network के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी को तब उन्होंने बताया था, “यह मेरा हमेशा से सपना रहा है कि अपना देश 10 धीरुभाई अंबानी न पैदा करे, बल्कि उनकी संख्या सैकड़ों और हजारों में हो, ताकि यह देश विकास कर सके।”
बकौल, “चीन आज 10 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था है। मेरे पिता अक्सर कहा करते थे कि अगर सोच बदलो तो किस्मत बदलेगी। दिमाग में बदलाव लाना ही कठिन होता है। यही पहली चीज होती है और मुझे लगता है कि नई पीढ़ी बिल्कुल नई विचारधारा की है।” आरआईएल चेयरमैन ने आगे बताया, “मैं जब 30 साल के व्यक्ति के साथ होता हूं और वह मुझे JIO के बारे में टेक्नोलॉजी आदि के बारे में सिखाते-बताते हैं, तो मैं खुद को युवा महसूस करता हूं। यही वजह है कि हम सफल होंगे।”
दूसरी बात का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि हम ऐसे दौर में प्रवेश कर रहे हैं, जो कि ‘घातीय दौर’ (एक्सपोनेन्शियल) भी कहा जा सकता है, जबकि हम लिनियर एरा (समयकाल) में आगे बढ़े हैं। विकसित हुए हैं। इन दोनों में फर्क है कि लीनियर में अगर हम 10 कदम चलते हैं, तो हम एक से तीन तक जाते हैं। फिर 10 तक पहुंचते हैं। पर एक्सपोनेन्शियल में हम एक से दो कदम, दो से चार और चार से आठ होते हुए 10 तक पहुंचते हैं। समय के साथ हम 10 तक पहुंचते हैं, तब तक आप बिलियन कदम आगे पहुंच चुके होते हैं। यही वजह है कि हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और यह भारत के लिए आगे बढ़ने का अच्छा समय है।
बातचीत के दौरान अंबानी ने यह भी साफ किया था कि उद्यमिता की परिभाषा यही है कि वह एक बड़ी समस्या को खोजकर उसका हल करती है। पश्चिमी देशों के मेरे कई मित्रों ने मुझे टोककर कहा कि ओह…भारत तो बिलियन समस्याओं वाला देश है। पर मैं उन्हें जवाब देता हूं कि नहीं। हम बिलियन समस्याओं नहीं बल्कि बिलियन अवसरों वाले मुल्क हैं।