केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार रतन टाटा से कहा था कि भारतीय स्वयं सेवक संघ (RSS) धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता है। इस वाकये की जानकारी खुद गडकरी ने एक कार्यक्रम में दी है।

दरअसल गडकरी जब महाराष्ट्र सरकार में मंत्री थे, तब आरएसएस के एक अस्पताल का उद्घाटन होना था। यह अस्पताल दिवंगत आरएसएस प्रमुख हेडगेवार के नाम पर औरंगाबाद में बनाया गया था। उस समय संघ के एक पदाधिकारी ने गडकरी से इच्छा जताई कि रतन टाटा ही इस अस्पताल का उद्घाटन करें। इसके बाद गडकरी ने रतन टाटा से बातकर उन्हें इसके लिए राजी किया था, इसी दौरान रतन टाटा ने पूछा था कि क्या आरएसएस के हॉस्पिटल में सिर्फ हिन्दुओं का इलाज होता है?

गडकरी ने कहा कि जब उन्होंने रतन टाटा से अस्पताल के उद्घाटन के बारे कहा तो उन्होंने कहा कि वो खुद कभी अपनी फैक्ट्री का भी उद्घाटन नहीं किए हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा- ” उन्होंने कहा कि नितिन जी मैंने तो अपनी फैक्ट्री का भी कभी उद्घाटन नहीं किया है…मैं कभी गया नहीं हूं, मुझे भाषण देना भी नहीं आता है।”

तब गडकरी ने उन्हें कहा कि आपने टाटा कैंसर की स्थापना की, जहां देशभर के लोग इलाज कराने के लिए आते हैं। इसके बाद रतन टाटा ने कहा कि वो गडकरी को मना नहीं कर सकते हैं, इसलिए उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होंगे। तब रतन टाटा खुद प्लेन उड़ाकर औरंगाबाद पहुंचे थे।

इसके बाद गडकरी ने उद्घाटन समारोह की कहानी बताते हुए कहा कि संघ के अस्पताल के बारे में जानकारी मिलने पर रतन टाटा ने उनसे पूछा कि ये सिर्फ हिन्दुओं के लिए है क्या, यहां सिर्फ हिन्दुओं का ही इलाज होगा? जिस पर गडकरी ने कहा कि नहीं यहां पर सभी धर्मों के लोगों का इलाज होगा, संघ धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता है।

बता दें कि नितिन गडकरी पुणे के सिंहगढ़ इलाके में एक धर्मार्थ अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने इस वाकये को शेयर किया। यहां गडकरी ने यह भी कहा कि वो 10 प्रतिशत राजनीति और 90 प्रतिशत सामाजिक कार्य करते हैं।