राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए रणनीति बनाया था। बाद में उनके रिश्ते बीजेपी से अच्छे नहीं रहें। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एक इंटरव्यू में जब उनके सामने राहुल गांधी की तुलना नरेंद्र मोदी से की गयी तो उन्होंने कहा कि मोदी और अमित शाह का लंबा अनुभव है। ये तुलना ठीक नहीं है।

पत्रकार ने प्रशांत किशोर से कहा था कि कुछ लोग कह रहे हैं कि भाई-बहन की जोड़ी मोदी शाह की जोड़ी पर भारी पड़ने जा रही है। जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मुझे इसका कोई ज्ञान नहीं है। मोदी जी और अमित शाह का राजनीति में लंबा अनुभव रहा है। अभी भाजपा देश की सत्ताधारी पार्टी है। लोग बताते हैं कि दुनिया की ही ये अभी सबसे बड़ी पार्टी है। उस पार्टी के नेतृत्व की तुलना ऐसे व्यक्ति से करना जो अभी राजनीति की शुरुआत कर रहा है ये उचित नहीं है।

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के लिए भी अच्छी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि हर चीज चुनाव को देखकर और न्यूज को देखकर नहीं करना चाहिए। कोई आदमी अगर जिंदगी में कोई फैसला ले रहा है तो हर फैसला वो चुनाव को देखकर नहीं लेता है।

हाल ही में क्लब हाउस चैट लीक होने के बाद पत्रकारों को दिए इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि क्या आपके आज भी बीजेपी के साथ रिश्ते हैं तो उन्होंने कहा था कि आप मेरे शब्दों से अधिक मेरे कार्य को देखें। मैं लगातार बीजेपी विरोधी दलों के लिए काम करता रहा हूं। मैंने पंजाब में कांग्रेस के लिए काम किया था। उत्तर प्रदेश में मैंने समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के लिए काम किया था। बिहार मैंने राजद-जदयू गठबंधन के लिए काम किया था।

अमित शाह के 200 से अधिक सीट जीतने के दावों पर पर पीके ने कहा था कि निश्चित रूप से वो बड़े नेता हैं। लेकिन विधानसभा चुनावों में उनका अनुमान कई बार गलत हुआ है।