चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर का मानना है कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी यूपी में पार्टी के लिए संजीवनी बन सकती हैं। उनका मानना है कि 2022 के चुनाव में उनका असर देखने को मिल सकता है। सही तरीके से काम किया गया तो प्रियंका यूपी में कांग्रेस को एक अच्छी खासी सीटों की संख्या तक पहुंचा सकती हैं।
2019 के आम चुनाव से पहले एक टीवी चैनल से साक्षात्कार में चुनाव रणनीतिकार ने कहा कि वो मानते हैं कि प्रियंका का यूपी की राजनीति में उतरना फौरी तौर पर कोई चमत्कार नहीं करने जा रहा है लेकिन लंबे समय में इसका फायदा देखने को मिलेगा। उनका कहना था कि प्रियंका से तत्काल कोई उम्मीद लगाना बेमानी होगा। उन्हें कम से कम दो साल का समय तो मिलना चाहिए।
प्रशांत ने कहा कि कांग्रेस को यूपी में एक भीड़ खिंचाऊ चेहरे की जरूरत है, जो प्रियंका पूरी कर देती हैं। चुनाव में भारी भीड़ के आने से ही माहौल बनता है। कांग्रेस को एक ऐसे चेहरे की दरकार थी जो लोगों को अपनी तरफ खींच सके। प्रियंका इसमें मददगार होंगी।
प्रशांत किशोर ने प्रियंका गांधी की यूपी में कांग्रेस महासचिव के तौर पर नियुक्ति को भारतीय राजनीति में बहुप्रतीक्षित पदार्पणों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि कई तरह की बातें कही जा रही हैं कि लेकिन मेरे लिए असल खबर ये है कि प्रियंका ने आखिरकार राजनीति में आने का फैसला किया।
किशोर ने जदयू में शामिल होने से पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार के तौर पर काम किया था। प्रियंका गांधी वाड्रा की इस नियुक्ति को मास्टरस्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है। इससे उत्तर प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा होगा जहां कांग्रेस का प्रभाव पिछले कई सालों के दौरान घटता जा रहा है। रणनीतिकार का मानना है कि उनकी टीम भी मानती है कि अगर वो यूपी में कांग्रेस को जिताने में सफल रहे तो ये क्रांतिकारी होगा।
टीवी चैनल से उन्होंने कहा कि वो मानते हैं कि कांग्रेस को फिर से अपने हाथ दिखाने हैं तो एक तय रणनीति के साथ मैदान में उतरना होगा। प्रियंका के साथ राहुल को भी रणनीति के तहत काम करना होगा। उन्होंने पहले इसका रोडमैप दिया था। उस दौरान सोनिया गांधी की रैली भी आयोजित कराई गई थी।