भारत और पाकिस्तान के बीच कभी भी सौम्य रिश्ते नहीं रहे। चाहे वो मुल्क के बंटवारे की बात रही हो या फिर बंटवारे के बाद दोनों तरफ की आबादी का खून खराबे से भरा पलायन। कश्मीर में कबाइलियों की शक्ल में पाकिस्तानी फौज का हमला रहा हो या फिर सन 65 और 71 की लड़ाई। कारगिल युद्ध, संसद पर हमला, मुंबई पर हमला… यह लिस्ट काफी लंबी है।
जब पाकिस्तान सीधे युद्ध में नहीं जीत सका तो उसने आतंकवाद का सहारा लेते हुए परोक्ष युद्ध छेड़ दिया जो आज भी जारी है। आज का किस्सा एक अमेरिकी पत्रकार पीटर लैंड्समैन कि किताब “अ मॉडेस्ट प्रपोजल फ्रॉम द ब्रिगेडियर: व्हॉट वन प्रॉमिनेंट पाकिस्तानी थिंक्स हिज कंट्री शुड डू विद इट्स एटॉमिक वेपंस” के एक अध्याय तथा अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी की किताब “भारत vs पाकिस्तान: हम दोस्त क्यों नहीं हो सकते” से उद्धृत है।
सन 2002 में एक अमेरिकी पत्रकार पीटर लैंड्समैन पाकिस्तान की यात्रा पर गए। यहां उनकी मुलाकात पाकिस्तानी मिलिट्री इंटेलिजेंस में काम कर चुके ब्रिगेडियर अमानुल्लाह से हुई। ब्रिगेडियर फौज से रिटायर होने के बाद पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के लिए काम कर रहे थे। दोनों की मुलाकात बेनजीर के इस्लामाबाद हाउस में हुई थी। वहां पीटर की नजर एक बड़ी की पेंटिंग पर पड़ी जिसमें एक रॉकेट उड़ता हुआ दिखाई दे रहा था। उन्होंने उत्सुकतावश इसके बारे अमानुल्लाह से पूछा तो जवाब मिला, यह एक न्यूक्लियर वॉरहेड है जो भारत की ओर जा रहा है। पीटर ने इसे मजाक समझा लेकिन ब्रिगेडियर के चेहरे का गुस्सा और हावभाव देख वो भांप गए कि यह तल्खी है तो तस्वीर में उकेरी गई है।
मामला तब और गंभीर हो गया जब ब्रिगेडियर ने पीटर से कहा कि पाकिस्तान को भारत पर परमाणु बम से हमला कर देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह हमला जवाबी नहीं होना चाहिए बल्कि पहला होना चाहिए। अमानुल्लाह ने यह भी कहा कि हमे परमाणु हमला करके उनके दिल्ली, बंबई और कलकत्ता को अपने कब्जे में लेना चाहिए। वो भी जवाबी हमला करें और हमारे लाहौर, कराची जैसे शहर पर कब्जा कर लें। लाख-दस लाख लोगों को मार डालें। हमें उनको (भारत को) सबक सिखाना चाहिए।
इतना ही नहीं ब्रिगेडियर ने पीटर से यह भी कहा कि पाकिस्तान में व्याप्त गरीबी, अशिक्षा, भुखमरी और दुख के लिए भारत ही जिम्मेदार है। मार्च 2016 में पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा था, इस इलाके के लिए आतंकवाद नहीं बल्कि सबसे बड़ा खतरा है। यही वजह है कि पाकिस्तान परमाणु कार्यक्रम के मामले में पीछे नहीं हट रहा है और न ही अपने परमाणु बम कम करने को तैयार है। अजीज ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार भारत के खिलाफ एक रक्षा कवच की तरह हैं।