पश्चिम बंगाल चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत के हीरो कहे जाने वाले प्रशांत किशोर को इस वक्त हर पार्टी अपने राजनीतिक सलाहकार के तौर पर साथ रखना चाहती है। हालांकि, भाजपा से उनकी दूरी फिलहाल जगजाहिर है। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी की जीत के बाद से ही उन्होंने खुद की अलग पहचान बनाई और कई विपक्षी पार्टियों को जीत दिलाने में मदद भी की। 2019 में भी आम आदमी पार्टी ने दिल्ली चुनाव के लिए किशोर की सेवाएं ली थीं, हालांकि तब जब इसे लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने मीडियाकर्मियों से सवाल पूछ दिया, ‘कौन है ये प्रशांत किशोर?’ बाद में किशोर ने भी इस पर मजेदार जवाब दिया था।

क्या बोले थे हरदीप सिंह पुरी?: हरदीप सिंह पुरी से जब दिल्ली चुनाव में प्रशांत किशोर की एंट्री को लेकर सवाल किए गए थे, तो उन्होंने कहा था कि वे व्यक्तिगत रूप से किशोर को नहीं जानते हैं। पुरी दिल्ली चुनावों के लिए बीजेपी के प्रभारी भी थे। जब उनसे पूछा गया कि दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए अरविंद केजरीवाल नीत आप ने आईपैक की सेवा ली है, क्या इससे बीजेपी की नींद हराम हो गई है? इस सवाल पर उन्होंने कहा, ‘प्रशांत किशोर कौन हैं? मैं उन्हें नहीं जानता। वही आदमी जो कभी यूएन में काम करता था और फिर एक पार्टी से दूसरी और फिर दूसरी से तीसरी को जॉइन किया।’

संवाददाताओं ने जब मंत्री को बताया कि किशोर 2014 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार का हिस्सा थे तो उन्होंने कहा, ‘उस समय में मैं नहीं था (पार्टी में)।’ पत्रकारों ने कहा कि प्रशांत एनडीए के सहयोगी जेडीयू के उपाध्यक्ष हैं तो पुरी ने कहा, ‘हो सकता है मुझे जानना चाहिए लेकिन मैं उन्हें (किशोर को) नहीं जानता।’

क्या था प्रशांत किशोर का जवाब?: तब प्रशांत किशोर ने हरदीप पुरी के इस जवाब पर जबरदस्त पलटवार किया था। उन्होंने कहा था- “हरदीप पुरी जी ने बिल्कुल ठीक कहा है। वो मुझे नहीं जानते तो बिल्कुल ही मुझे नहीं जानना चाहिए। हरदीप पुरी जी देश के इतने बड़े नेता हैं। भारत सरकार के मंत्री हैं। उनके लिए मेरे जैसे सामान्य व्यक्ति के बारे में जानना बिल्कुल भी संभव नहीं है। अकेले दिल्ली राज्य में कोई 50 लाख से ज्यादा यूपी-बिहार के मेरे जैसे लोग यहां पर आकर रह रहे हैं, जद्दोजहद कर रहे हैं।

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते वक्त प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि यूपी-बिहार के लोग अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अब इतने सारे लोगों को हरदीप जैसा बड़ा व्यक्ति अगर व्यक्तिगत तौर पर जानने की कोशिश करेगा तो उनके गरिमा उनके पद उनके स्टेटस के खिलाफ भी होगा और स्टेटस के अनुरूप नहीं होगा। मैं उनकी बात से पूरी तरह से सहमत हूं कि वो मुझे नहीं जानते हैं और उनको जानना चाहिए भी नहीं, लेकिन मैं उनको जानता हूं। पुरी जी बड़े आदमी हैं, वह नहीं जानना चाहते हैं तो उनके लिए सही है।