बाबा रामदेव का मानना है कि मुकाबला अखिलेश और बीजेपी के बीच है। मायावती तीसरे नंबर पर रहेंगी। उनका मानना है कि यूपी चुनाव में बहन मायावती इस बार कमजोर स्थिति में हैं। दलित वोटों को मोदी जी ने काफी हद तक अपनी तरफ कर लिया है। मुस्लिम वोट बैंक पूरी तरह से अखिलेश की तरफ जाता दिख रहा है। ओवैसी कुछ मुसलमान वोटों के आधार पर अपना राजनीतिक वजूद खड़ा करना चाहते हैं।

प्रियंका गांधी के सवाल पर उनका कहना था कि राजनीतिक दीर्घकालीन खेल है। इसमें चीजें बनती बिगड़ती रहती हैं। वो काफी मेहनत कर रही हैं और मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है। उनका कहना था कि कांग्रेस ने गेन किया तो है लेकिन मुख्य मुकाबले से वो पूरी तरह से बाहर है। अलबत्ता आने वाले समय में कांग्रेस को अपनी मेहनत का फल मिल सकता है।

पंजाब चुनाव पर रामदेव ने कहा कि दलित वोटों के सहारे नेता सत्ता की सीढ़ीं चढ़ना चाहते हैं। इसे सोशल इंजीनियरिंग का नाम दिया जाता है। इसमें कोई दल पीछे नहीं है। पंजाब में चार कोणीय मुकाबला होने के संकेत हैं। आम आदमी पार्टी के आने के सवाल पर उनका कहना था कि इससे मुकाबला पांच कोणीय हो गया। उनका कहना था कि पंजाब बीजेपी के लिए हमेशा से सपना रहा है। पंजाब का परिणाम 2024 की राजनीति तय करेगा।

उत्तराखंड के सवाल पर उनका कहना था कि वहां पुष्कर सिंह धामी का मुकाबला कांग्रेस से है। कालेधन पर रामदेव ने कहा कि धन भी काला बढ़ रहा है। मन भी और काला होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इसे रोकने के लिए उपाय किए हैं लेकिन अभी भी काफी कुछ होना बाकी है। अभी भी काले धन के चोर, बेईमान बाज नहीं आ रहे।

तीन कृषि कानून के वापस होने के बाद रामदेव ने कहा कि जैसे ही संसद में कृषि कानूनों को निरस्त किया जाता है, किसानों को अपना आंदोलन समाप्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून एक गंभीर मामला है, जिसका दो या तीन शब्दों में समाधान देना संभव नहीं है। रामदेव ने कहा कि मेरा मानना है कि पीएम मोदी की मंशा अच्छी है। अब हमें इस आंदोलन को खत्म कर आगे बढ़ना चाहिए।