अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी का राहुल गांधी के आरोपों पर कहना था कि व्यक्तिगत तौर पर उनकी कांग्रेस से कोई तनातनी नहीं है। वो कई ऐसे राज्यों में भी काम कर रहे हैं जहां कांग्रेस की सरकारें हैं। दरअसल उनसे राहुल के उस आरोप पर सवाल किया गया था, जिसमें राहुल गांधी ने उनकी गुजरात में नरेंद्र मोदी के साथ घनिष्ठता को लेकर तीखे आरोप जड़े थे।
आजतक से साक्षात्कार में अडानी का कहना था कि वो एक कारपोरेट हैं। उनकी एक मर्यादा है। उनके लिए उचित नहीं है कि राजनीतिक आक्षेपों पर वो कोई टिप्पणी करें। अडानी ने कहा कि अशोक गहलोत की सरकार के साथ मिलकर उन्होंने राजस्थान में काम किया। उनका मानना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट पर तभी कामयाबी हासिल हो सकती है जब राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करें। जो स्टेट आगे बढ़ने को तैयार हैं वो उनके साथ जाते हैं। चाहें सरकार बीजेपी की हो या फिर कांग्रेस या कोई और। सभी के साथ मिलकर तालमेल बिठाकर काम करना हर सीरियस बिजनेसमैन की प्राथमिकता होनी चाहिए।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में नरेंद्र मोदी ने किसी उद्यमी को फेवर नहीं किया। वो कारोबारियों को एक एनवायरमेंट देते हैं। जिससे उद्यमी को काम करने में सहूलियत मिल सके। ध्यान रहे कि साक्षात्कार के समय मोदी गुजरात के सीएम थे। तब वो पीएम बनने की राह पर कदम बढ़ा रहे थे।
अडानी ने एंकर के सवाल पर कहा कि मोदी पीएम बनेंगे या नहीं ये जनता को तय करना है। मोदी जी ने गुजरात से दिखाया है कि उनमें क्षमता है। बकौल अडानी, देश को मजबूत सरकार की जरूरत है और इसमें मोदी खरा उतरने में पूरी तरह से समर्थ हैं।
अडानी का कहना था कि सरकार उन्हें सस्ती जमीन देती है लेकिन वो उसके इर्दगिर्द विकास का ढांटा तैयार करते हैं। यही वजह है कि जो बंजर और बेकार की जमीन उन्हें मिलती है उसकी वैल्यु बढ़ जाती है। ग्रुप के खिलाफ दायर कानूनी याचिकाओं पर उनका कहना था कि ये लोग वेस्टेड इंट्रेस्ट वाले लोग हैं। ये कंपनी को दबाव में लेकर ब्लैकमेल करना चाहते हैं, पर वो नहीं घबराते।