नवरात्र के दौरान दिल्ली और यूपी समेत कुछ जगहों पर मीट बैन को लेकर विवाद पनप गया है। इस बीच, मंगलवार (पांच अप्रैल, 2022) को एक टीवी डिबेट शो में राजनीतिक विश्लेषक आचार्य प्रमोद कृष्णम भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता संबित पात्रा से मांस-मछली और अंडे बैन लगाने की मांग उठाने लगे। दरअसल, यह वाकया हिंदी न्यूज चैनल आज तक से जुड़ा हुआ है।
दंगल नाम के डिबेट शो के दौरान ऐंकर चित्रा त्रिपाठी ने सवाल उठाया था कि क्या त्यौहारों को राजनीतिक हथियार बनाने की कोशिश की जा रही है? राजस्थान से अगर मैं दिल्ली लौटूं तो मेयर की ओर से ऐलान किया गया कि मांस की दुकानें बंद रहेंगी। नवरात्र के दौरान व्रतियों को दिक्कत होती है।
आचार्य ने इस कहा- जब धर्म के नाम पर ऐसी बहस होती है तब उसका फायदा बीजेपी को होता है। ऐसा प्रमाणित भी है। डॉ.पात्रा जो बात कह रहे हैं, वह बड़ा टार्गेटेड (निशाना बनाते हुए) कह रहे हैं। पर मैं तो कहना चाहता हूं कि मीट की दुकानों को स्थाई तौर पर बंद कर देना चाहिए। कोई जरूरी थोड़ी है मांसाहारी होना, शाकाहारी होना चाहिए। संबित पात्रा जी की सरकार है…मैं तो इनकी पार्टी के मेयर से और इनसे मांग करता हूं कि पूरे देश में मांस-मछली और अंडे पर रोक लगनी चाहिए। ये चीजें बंद होनी चाहिए। आप इस पर उदारता से विचार करें।
वह आगे बोले- जहां तक राजस्थान की बात है, तो वहां कांग्रेस सरकार है। मैं नहीं कहता है कि वहां सरकार भेदभाव करती है, पर सियासी तौर पर इस तरह के विवादों का फायदा बीजेपी को मिलता है और कांग्रेस के नेता यह काम करते हैं, जिससे उन्हें नुकसान होता है। अगर उन्हें रमजान के लिए यह आदेश जारी करना था, तब उन्हें नवरात्र के लिए भी जारी करना था। कोई भी सरकार किसी एक धर्म या फिर जाति का पक्ष नहीं ले सकती है। किसी एक की तरफदारी या विरोध नहीं कर सकती है। ऐसी बात करना गलत फैसला है।
अंत में उन्होंने संबित पात्रा से कहा- चुनाव, स्कूल, कॉलेज, भाषण और बहस में हिंदू मुसलमान…आखिरकार ऐसा कब तक करेंगे? ऐसी सत्ता किस काम की। कभी हिंदुस्तान और इंसान की भी बात कर लो। यह जो सियासत हो रही है, पीड़ित होकर कह रहा हूं कि ये जो बीज बोए जा रहे हैं, ये काटने मुश्किल हैं।