कोरोना की दूसरी लहर के दौरान उत्तरप्रदेश में गंगा नदी में सैंकड़ों शवों के बहने के मामले सामने आए थे। इसके अलावा राज्य में गंगा किनारे अलग अलग शमशान घाटों पर हजारों शवों को रेत में दफ़न कर दिया गया था। एक टीवी कार्यक्रम के दौरान जब उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गंगा में तैरती लाशों को लेकर सवाल पूछा गया तो वे जवाब देते हुए हिन्दुओं के अंतिम संस्कार के तरीके बताने लगे।
आजतक न्यूज चैनल पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान एंकर अंजना ओम कश्यप ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गंगा में बहती लाशों को लेकर सवाल पूछा। इसके जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना या दूसरे कारणों से हुई मौत दुखद है। मौत हमेशा दुखद ही होती है। साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना इस सदी की सबसे बड़ी महामारी है और हम इसकी तुलना सामान्य बीमारी से नहीं कर सकते हैं।
आगे योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा के तटवर्ती इलाकों में जो स्थिति बनी थी वह पहली बार नहीं हुई थी। 2012 और 2014 में भी ऐसी ही तस्वीर देखने को मिली थी। लेकिन 2017 के बाद हमने इस पर रोक लगाई थी। गंगा या किसी भी बड़ी नदी के तटवर्ती क्षेत्र किनारे एक बड़ा समुदाय रहता है जो अंतिम संस्कार गंगा या अन्य नदियों में प्रवाह करके करता है।
गंगा में मिले शव पर बोले CM @myogiadityanath-जल प्रवाह के माध्यम से भी अंतिम संस्कार होता है। ये कोई पहली बार नहीं हुआ है।
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इसके बाद उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ टीवी कार्यक्रम के दौरान हिन्दुओं के अंतिम संस्कार के तरीके भी बताने लगे। आदित्यनाथ ने कहा कि आज भी हिंदू पद्धति में तीन प्रकार से अंतिम संस्कार की कार्यवाही होती है। एक अग्नि संस्कार के माध्यम से, दूसरा भू समाधि के माध्यम से और तीसरा जल प्रवाह के माध्यम से। ये तीनों प्रकार की पद्धतियां प्रचलित है।
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि कोरोना काल के दौरान कोरोना महामारी और दूसरे बीमारियों की वजह से भी मौत हुई है। कार्यक्रम के दौरान योगी आदित्यनाथ ने सपा नेता अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले दिनों सरकार का अन्न वितरण का कार्यक्रम था तो वे भी अपनी मौजूदगी दिखाने के लिए अपनी बीएमडब्ल्यू साइकिल लेकर पिकनिक मनाने के लिए निकल पड़े। लेकिन पिकनिक मनाकर प्रदेश की जनता को भ्रमित नहीं किया जा सकता है।

