AAP Convener Arvind Kejriwal: मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल अब दिल्ली और उसके बाहर चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी संभालेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार, वह 5 अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के चल रहे प्रचार अभियान के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ-साथ वरिष्ठ पार्टी नेताओं मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के साथ रहेंगे।

एक सूत्र ने बताया, ‘चूंकि पार्टी हरियाणा की 90 में से 89 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, इसलिए नेतृत्व ने अधिक से अधिक सीटें जीतने के लिए पूरी ताकत झोंकने का फैसला किया है। आने वाले कुछ दिनों में नेता राज्य में व्यापक प्रचार अभियान शुरू करेंगे। वह (केजरीवाल) जम्मू -कश्मीर में भी प्रचार कर सकते हैं, जहां आप ने सात उम्मीदवार उतारे हैं।” लेकिन सबसे बड़ी चुनौती और अवसर दोनों ही दिल्ली में हैं।

आप के एक पदाधिकारी ने कहा, “दिल्ली आप की जन्मभूमि होने के साथ-साथ प्रयोगशाला भी है। सीएम पद से इस्तीफा देकर केजरीवाल ने विधानसभा चुनावों के लिए दांव बढ़ा दिया है। यह निश्चित रूप से एक जुआ है, लेकिन यह सीएम के रूप में वापस आने के उनके दृढ़ संकल्प को भी दर्शाता है। दिल्ली में क्या होता है, यह देश देखता है।”

हरियाणा चुनाव समाप्त होने के तुरंत बाद दिल्ली में डोर-टू-डोर अभियान, लगातार रोड शो और सैकड़ों सार्वजनिक बैठकें होने की उम्मीद है, लेकिन प्राथमिकता सूची में दो चीजें सबसे ऊपर हैं – अभियान का संदेश और पार्टी की संगठनात्मक ताकत और कमजोरियों का जायजा लेना।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “अभी तक विधायक जनता तक यह संदेश पहुंचा रहे थे कि भाजपा उन्हें जेल में डालकर आप पर हमला कर रही है। केजरीवाल की रिहाई और अब उनके इस्तीफे के बाद संदेश बदलना होगा। हालांकि हम समझते हैं कि हमें उन्हें सीएम के रूप में वापस लाने के महत्व को रेखांकित करना होगा, लेकिन इस संदेश को तैयार करना महत्वपूर्ण है और इसे जल्द से जल्द अंतिम रूप देना होगा।”

सूत्रों ने बताया कि 2020 में पार्टी की प्रचार रणनीति में अहम भूमिका निभाने वाले विजय नायर को रणनीति को निखारने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को एकजुट करना एक और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। नेता ने कहा कि हम दिल्ली में लगातार चौथा चुनाव लड़ेंगे। वहीं एक नेता ने कहा कि आप के लिए सत्ता विरोधी लहर भी बड़ा मुद्दा हो सकता है। भाजपा द्वारा लगाए गए अवरोधों के कारण, विधायक बेहतर सड़क या सीवर कनेक्शन जैसे कई सरल वादों को पूरा नहीं कर पाए हैं। हम इन जमीनी स्तर के मुद्दों से निपटने में मदद के लिए नेतृत्व की ओर देख रहे हैं। पार्टी नेताओं ने बताया कि इस बीच केजरीवाल आने वाले कुछ सप्ताहों में पंजाब का दौरा करने की भी योजना बना रहे हैं।