देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने 11 मई को “मोदी@20 ड्रीम्स मीट डिलीवरी” पुस्तक का विमोचन किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। इस दौरान अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। अमित शाह को सबसे चतुर चुनाव प्रचार प्रबंधक माना जाता है। अमित शाह ने स्वीकार भी किया कि उन्होंने ये गुर पीएम मोदी से सीखें हैं।

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अमित शाह ने एक चुनावी रणनीतिकार के रूप में मोदी की सफलता की कहानी गुजरात के मुख्यमंत्री पद या 2014 के अभियानों से नहीं बल्कि 1987 से बताई, जब नरेन्द्र मोदी को अहमदाबाद नगर निगम चुनावों में भाजपा के प्रचार अभियान का प्रभार दिया गया था। उस समय गुजरात और पूरे देश में कांग्रेस का दबदबा था।

लगभग एक दर्जन सीटों के साथ भाजपा शायद ही चुनावी समीकरण में थी और उस समय जनता दल कांग्रेस की मुख्य प्रतिद्वंद्वी थी। नरेंद्र मोदी तब महासचिव (संगठन) थें और अमित शाह भाजपा अहमदाबाद इकाई के प्रभारी थे। सभी बाधाओं के बावजूद भाजपा ने उस वर्ष नगरपालिका की अधिकांश सीटों और महापौर पदों पर जीत हासिल की थी। गुजरात के अपने दो लंबे दौरों में नरेन्द्र मोदी ने अमित शाह को कई अहम सबक सिखाए।

एक सलाह जो हमेशा अमित शाह के पास रही वह यह थी कि हर गांव में पिछले सरपंच चुनावों के दो प्रमुख उम्मीदवार होंगे। जबकि विजेता कांग्रेस या जनता दल से होगा। नरेंद्र मोदी ने हारने वाले को लुभाने और उसे भाजपा में शामिल होने के लिए राजी करने का एक बिंदु बनाया। गुजरात ने 1990 के दशक के मध्य से भाजपा से मुंह नहीं मोड़ा है और लगातार बीजेपी को अटूट समर्थन मिल रहा है। पिछले 2 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस गुजरात में एक भी सीट जीतने में सफल नहीं रही है। इस वर्ष के आखिरी में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह ने नरेन्द्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “40 साल से मैं राजनीति में हूं। लेकिन मैंने नरेंद्र मोदी से बड़ा श्रोता नहीं देखा। वे एकाग्रता के साथ सुनते हैं और ये पीएम मोदी की सबसे बड़ी खासियत है। मोदी जी समाज को परिवार मानकर आगे बढ़े हैं। वे देश की राजनीति में ऐसे पहले नेता हैं, जिनके परिवार के बारे में किसी ने शायद ही सुना हो। दूरबीन से खोजकर भी ऐसा नेता नहीं मिलेगा।”