मोदी सरकार के कैबिनेट से ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद एक बार फिर चर्चा शुरू हो चुकी है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार शीतकालीन सत्र में इस पर एक बिल ला सकती है। अलग-अलग राजनीतिक दलों की इस योजना को लेकर प्रतिक्रिया सामने आ रही है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली कमेटी ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी थी, जिसके बाद मोदी सरकार के कैबिनेट ने इसके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अलग-अलग राजनीतिक दलों की एक बड़ी संख्या ने इस पहल का समर्थन किया है।

पीएम मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ की अगुआई वाले समिति की सिफारिशों की सराहना करते हुए सोशल साइट एक्स पर लिखा,” कोविंद कैबिनेट ने एक साथ चुनाव कराने संबंधी उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। मैं इस प्रयास की अगुआई करने और विभिन्न हितधारकों से परामर्श करने के लिए हमारे पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी की सराहना करता हूँ। यह हमारे लोकतंत्र को और भी अधिक जीवंत और सहभागी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर क्या बोले राजनीतिक दल?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “हम इसके साथ नहीं हैं। एक राष्ट्र, एक चुनाव लोकतंत्र में काम नहीं कर सकता। अगर हम चाहते हैं कि हमारा लोकतंत्र ज़िंदा रहे तो चुनाव जरूरत के मुताबिक होने चाहिए, यह संविधान के खिलाफ है।”

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) मनोज झा ने क्या कहा?

राजद नेता मनोज झा ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर कहा, “दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोविंद समिति की सिफारिश के अनुसार ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हमारे पास कुछ बुनियादी सवाल हैं। 1962 तक भारत में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ था, लेकिन यह इसलिए खत्म हो गया क्योंकि कई क्षेत्रों में एक पार्टी के वर्चस्व को चुनौती दी जा रही थी और अल्पमत की सरकारें बन रही थीं, जबकि कुछ जगहों पर मध्यावधि चुनाव हो रहे थे। इस बार इसके लिए क्या व्यवस्था होगी?”

राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “यह एक राजनीतिक स्टंट है, लेकिन यह व्यावहारिक नहीं है और कई विशेषज्ञों ने इस पर अपने विचार दिए हैं। हालांकि सरकार क्षेत्रीय दलों को खत्म करना चाहती है और इससे संवैधानिक संकट पैदा होगा।”

नीतीश कुमार की पार्टी ने क्या कहा?

जेडी(यू) नेता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर कैबिनेट के फैसले का हम स्वागत करते हैं। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और लोग चुनावों में सक्रिय रूप से भाग लेंगे। इस फैसले कई फायदे होंगे।

आम आदमी पार्टी के सांसद संदीप पाठक ने कहा,”वे चार राज्यों में एक साथ चुनाव कराने में असमर्थ थे। मेरा कहना है कि जब वे चार राज्यों में एक साथ चुनाव कराने में असमर्थ हैं, तो एक राष्ट्र, एक चुनाव कैसे संभव है।”

केंद्रीय मंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा, “पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में यह विधेयक शुरुआती चरण में है। हम सभी इस विधेयक का समर्थन कर रहे हैं।”

केरल के सीएम ने क्या कहा?

एक राष्ट्र एक चुनाव पर केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने कहा, एक राष्ट्र, एक चुनाव की अवधारणा एक छिपा हुआ एजेंडा है जिसका उद्देश्य भारत के संघीय ढांचे को कमजोर करना और केंद्र सरकार को पूर्ण शक्ति प्रदान करना है।’

मायावती ने किया समर्थन

बसपा चीफ मायावती ने कहा, ’एक देश, एक चुनाव’ की व्यवस्था के तहत् देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव को केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा आज दी गयी मंजूरी पर हमारी पार्टी का स्टैण्ड सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना ज़रूरी है।”

असदुद्दीन ओवैसी ने किया विरोध

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “आप अपनी सुविधा के आधार पर काम नहीं कर सकते। संविधान संवैधानिक सिद्धांतों के आधार पर काम करेगा। यह हमेशा से भाजपा और आरएसएस की विचारधारा रही है कि वे नहीं चाहते कि क्षेत्रीय दल अस्तित्व में रहें। हमने एक देश, एक चुनाव का विरोध किया है।