बिहार की सियासत क्या फिर करवट लेगी? इस सवाल के जवाब का इंतजार हर किसी को है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से नजदीकियों के कारण ललन सिंह को जदयू अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा है। कयास तो ये भी लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार फिर से ‘पलटी’ मार सकते हैं और एनडीए में शामिल हो सकते हैं।

ऐसे कयास यूं हीं नहीं लगाए जा रहे हैं। दरअसल, दिल्ली में हो रही जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए रवाना होने से पहले नीतीश कुमार ने पटना में तेजस्वी यादव के साथ अरुण जेटली को श्रद्धांजलि दी। इस कार्यक्रम से पहले 25 दिसंबर को भी बिहार सरकार ने अटल बिहार वाजपेयी के सम्मान में ऐसा ही आयोजन किया था।

ललन सिंह के इस्तीफे के पहले दो पूर्व बीजेपी नेताओं की जयंती आना भले ही संयोग हो लेकिन सियासी गलियारों में इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि जदयू के नेता का कहना है कि नीतीश कुमार के इन दोनों ही नेताओं पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व मंत्री अरुण जेटली से नजदीकी संबंध रहे हैं और इसी वजह से बीजेपी से नाता टूटने के बाद भी उनकी याद में बिहार सरकार कार्यक्रमों का आयोजन करती है।

नीतीश बने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष

देश की राजधानी नई दिल्ली में चल रही जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शुक्रवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार को पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया है। जदयू के सीनियर नेता केसी त्यागी ने मीडिया को बताया कि ललन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और नीतीश कुमार को अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक आज होने वाली है जिसमें कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए फैसलों का अनुमोदन किए जाने की संभावना है।