प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद का नवनिर्मित भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वहीं, कांग्रेस सहित देश के 19 विपक्षी दलों ने नई संसद के उद्घाटन का बायकॉट करने का ऐलान किया है। इस बीच बुधवार (24 मई) को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक घटना पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने Sengol का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में सेंगोल का बहुत महत्व है। गृहमंत्री ने कहा कि इस पवित्र Sengol को किसी संग्रहालय में रखना अनुचित है।
What is Sengol in Sansad Bhavan: नई संसद भवन में स्थापित किया जाएगा सेंगोल
अमित शाह ने कहा, “सेंगोल की स्थापना के लिए संसद भवन से उपयुक्त और पवित्र स्थान कोई और हो ही नहीं सकता इसलिए जिस दिन नए संसद भवन को देश को समर्पित किया जाएगा उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु से आए हुए अधीनम से सेंगोल (Sengol) को स्वीकार करेंगे और लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास इसे स्थापित करेंगे।”
गृहमंत्री शाह ने आगे कहा कि भारत के इतिहास में सेंगोल का बहुत महत्व है। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 14 अगस्त, 1947 की रात लगभग 10:45 बजे तमिलनाडु के अधिनाम के माध्यम से सेंगोल को स्वीकार किया। यह अंग्रेजों से हमारे देश के लोगों के लिए सत्ता के हस्तांतरण का संकेत था। सेंगोल (राजदंड) स्वतंत्रता का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक प्रतीक है क्योंकि यह अंग्रेजों से भारतीयों को सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक है।
अमित शाह ने बताया कि यह सेंगोल वही है जो स्वतंत्रता के समय पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्राप्त हुआ था। उन्होंने कहा, “इसे इलाहाबाद के एक संग्रहालय में रखा गया था और अब नए संसद भवन में ले जाया जाएगा।”
चोल साम्राज्य के समय से चली आ रही परंपरा
इतिहासकारों के मुताबिक चोल वंश में जब सत्ता हस्तांतरित होती थी जो एक निवर्तमान राजा दूसरे राजा को सेंगोल सौंपता था। इसे सत्ता की ताकत का केंद्र माना जाता है। सेंगोल को हिंदी में राजदंड कहते हैं, इसका इस्तेमाल चोल साम्राज्य में होता था। जब चोल साम्राज्य का कोई राजा अपना उत्तराधिकारी घोषित करता था तो सत्ता हस्तांतरण के तौर पर सेंगोल दिया जाता था। यह चोल साम्राज्य के समय से चली आ रही परंपरा है। खास तौर से तमिलनाडु और दक्षिण के अन्य राज्यों में सेंगोल को न्यायप्रिय और निष्पक्ष शासन का प्रतीक माना जाता है। कुछ इतिहासकार मौर्य और गुप्त वंश में भी भी सेंगोल को प्रयोग किए जाने की बात कहते हैं।
What is Sengol in Tamil: तमिल में सेंगोल का अर्थ संपन्न और ऐतिहासिक
अमित शाह ने कहा, “इस अवसर पर एक ऐतिहासिक परंपरा पुनर्जीवित होगी। इसके पीछे युगों से जुड़ी हुई एक परंपरा है। इसे तमिल में सेंगोल कहा जाता है और इसका अर्थ संपन्न और ऐतिहासिक है। 14 अगस्त 1947 को एक अनोखी घटना हुई थी। इसके 75 साल बाद आज देश के अधिकांश नागरिकों को इसकी जानकारी नहीं है।”
What is Sengol in Parliament: उन्होंने आगे कहा, “सेंगोल ने हमारे इतिहास में एक अहम भूमिका निभाई थी। यह सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था। इसकी जानकारी पीएम मोदी को मिली तो गहन जांच करवाई गई। फिर निर्णय लिया गया कि इसे देश के सामने रखना चाहिए। इसके लिए नए संसद भवन के लोकार्पण के दिन को चुना गया।”
28 मई को होगा संसद के नए भवन का उद्घाटन
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद का नवनिर्मित भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस नई संचरना को रिकॉर्ड समय में बनाने के लिए करीब 60,000 श्रमयोगियों ने अपना योगदान दिया है। इस अवसर पर पीएम सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे। उन्होंने कहा, “आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री जी 28 मई को संसद का नवनिर्मित भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। एक प्रकार से नया संसद भवन प्रधानमंत्री जी के दूरदर्शिता का प्रमाण है। जो नए भारत के निर्माण में हमारी सांस्कृतिक विरासत, परंपरा और सभ्यता को आधुनिकता से जोड़ने का एक सुंदर प्रयास है।”