कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बीजेपी ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। सोनिया गांधी के अलावा निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ भी नोटिस दिया गया है। बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी के नेतृत्व में सांसदों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ ‘अपमानजनक और निंदनीय’ शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए सोनिया गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। उन्होंने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और सोनिया गांधी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की। दोनों पर बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने का आरोप लगा है। आखिर विशेषाधिकर हनन नोटिस होता क्या है? इसे तहत किसी संसद सदस्य के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा सकती है इसे विस्तार से समझते हैं।

क्या होता है विशेषाधिकार हनन?

विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव (Privilege Motion) संसद और विधानमंडलों में एक खास प्रक्रिया है। इसमें सदस्यों को कुछ विशेष अधिकार दिए जाते हैं। इसे सत्ता पक्ष को बेलगाम होने से रोकने के लिए बनाया गया था। इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी सदस्य, समिति या सदन के विशेषाधिकारों का उल्लंघन किया जाता है। इसका मकसद सदन की गरिमा और सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करना होता है। यह विशेषाधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 105 (संसद के लिए) और अनुच्छेद 194 (राज्य विधानमंडलों के लिए) में दिए गए हैं। यह अधिकार इस सीमा तक दिया गया है कि संसद के किसी भी सदन में दिए गए किसी बयान या कथन को देश की किसी भी अदालत में चुनौती तक नहीं दी जा सकती।

क्या होती है प्रक्रिया?

विशेषाधिकार हनन को नोटिस तब लाया जाता है जब संसद के किसी भी सदस्य को जब लगता है कि किसी दूसरे सदस्य, मंत्री या अधिकारी ने विशेषाधिकार का हनन किया है तो वह विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव संसद में पेश करता है। ऐसे मामले में सबसे पहले एक नोटिस दिया जाता है। इसी नोटिस को विशेषाधिकार के हनन का नोटिस कहा जाता है। संसद के किसी भी सदस्य को यह प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति के सामने पेश करना होता है। अगर अध्यक्ष या सभापति इसे उचित मानते हैं तो उस मामले को विशेषाधिकार समिति (Privilege Committee) को भेजा जाता है। समिति मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सदन को सौंपती है। अगर सदन को लगता है कि विशेषाधिकार का हनन हुआ है, तो दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

क्या होती है कार्रवाई?

विशेषाधिकार समिति अगर किसी को दोषी मानती है तो उसे फटकार लगाकर, चेतावनी देकर या फिर खास अवधि के लिए कारावास से सदन दंडित भी कर सकता है। इसके अलावा सदस्य को निलंबित या निष्कासित भी किया जा सकता है। ज्यादातर मामलों में सदस्य माफी मांग लेते हैं।

सोनिया गांधी ने क्या दिया था बयान?

बीजेपी का आरोप है कि सोनिया गांधी ने बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को संसद के संयुक्त सत्र में संबोधित किए जाने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी संसद परिसर में भाषण पर चर्चा करते देखे गए। इसका एक वीडियो सामने आया था जिसमें सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति मुर्मू को ‘बेचारी महिला, राष्ट्रपति आखिर तक बहुत थक गई थीं … वह मुश्किल से बोल पा रही थीं।’ कहते सुना गया।