उत्तर प्रदेश के साथ ही देश के कई राज्यों में ‘आई लव मोहम्मद’ का विवाद काफी तूल पकड़ गया है। न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि उत्तराखंड, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया है।

विशेषकर उत्तर प्रदेश के कई शहरों जैसे- उन्नाव, बरेली, कौशांबी, लखनऊ, महाराजगंज में इस मामले में प्रदर्शन हो चुके हैं।

बरेली में तो शुक्रवार को हालत काफी विस्फोटक हो गए और मुस्लिम समुदाय के लोगों और पुलिस के बीच जबरदस्त झड़प हुई। आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया और इसके जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। हालात को देखते हुए सीनियर पुलिस अफसर अलर्ट हैं।

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जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने कहा है कि स्थिति अब सामान्य और नियंत्रण में है। किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि दो दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।

आइए, समझने की कोशिश करते हैं कि यह पूरा विवाद कहां से शुरू हुआ?

कानपुर से शुरू हुआ विवाद

इस मामले में विवाद 4 सितंबर को कानपुर के रावतपुर में बारावफात (ईद-ए-मिलाद-उन-नबी) के जुलूस के दौरान शुरू हुआ। यहां पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक बैनर लगाया था जिस पर लिखा था ‘आई लव मोहम्मद’। हिंदू संगठनों ने इसका पुरजोर विरोध किया और कहा कि बारावफात के जुलूस में यह नई परंपरा शुरू की जा रही है।

पुलिस ने मामले में तुरंत एक्शन लिया और कहा कि सरकारी नियमों के मुताबिक, धार्मिक जुलूस में किसी भी तरह के नए रीति-रिवाज को शामिल नहीं किया जा सकता। इस दौरान हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक दूसरे पर पोस्टर फाड़ने का आरोप लगाया जिसे लेकर विवाद बढ़ गया।

बैनर के लिए दर्ज नहीं हुई एफआईआर- कानपुर पुलिस

9 सितंबर को कानपुर पुलिस ने 24 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। उन पर आरोप था कि उन्होंने जुलूस में नई परंपरा को जोड़ा और सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने की कोशिश की। हालांकि कानपुर पुलिस ने स्पष्ट किया है कि ‘आई लव मोहम्मद’ के बैनर के लिए किसी तरह की एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। एफआईआर दर्ज करने का मामला बैनर को नई जगह पर लगाने और दूसरे समुदाय के पोस्टर को फाड़ने से लेकर जुड़ा है।

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राजनेताओं के बयानों से गर्म हुआ माहौल

इस मामले में तमाम राजनेताओं के बयान आने और सोशल मीडिया पर हो रही बयानबाजी की वजह से भी मामला गर्म हो गया। AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ‘आई लव मोहम्मद’ कहना कोई अपराध नहीं है। समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कहा कि यह अभिव्यक्ति की आजादी का मुद्दा है जबकि भाजपा के नेताओं ने कहा कि पुलिस या कानून व्यवस्था को चुनौती देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुस्लिम समुदाय के संगठनों ने हिंसा की निंदा की और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर हो रही बहस

इस तरह कानपुर में एक बैनर के लगाने से शुरू हुआ यह विवाद देशभर में बड़े पैमाने पर चर्चित हो गया है। इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी अच्छी-खासी बहस हो रही है। बरेली में शुक्रवार को पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज किए जाने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जोरदार ढंग से वायरल हुआ है।

उत्तर प्रदेश और तमाम राज्यों में पुलिस काफी सतर्क है और प्रशासन की नजर सोशल मीडिया पर भी बनी हुई है जिससे कहीं भी हालात खराब ना हों। इस मामले में पुलिस और प्रशासन के सामने चुनौती है कि वे अलर्ट मोड पर रहें जिससे उपद्रवी तत्व माहौल न बिगाड़ सकें।

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