Vice Presidential Election: इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने शनिवार को कहा कि मैंने केवल बार एसोसिएशन का चुनाव लड़ा था। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव लड़ूंगा।
न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए सुप्रीम के जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि नामांकन से दो दिन पहले तक मेरे मन में कोई ख्वाब भी नहीं था कि मैं उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ूंगा। मैंने वैसे भी कोई चुनाव नहीं लड़ा, मैं लगभग 30 वर्षों से अधिक समय से कानूनी पेशे में हूं… मैंने केवल बार एसोसिएशन का चुनाव लड़ा था… मैं चुनाव और चुनाव प्रक्रिया से परिचित हूं, लेकिन मैंने चुनाव नहीं लड़ा।
बी. सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ूंगा। यह प्रस्ताव कांग्रेस पार्टी की ओर से आया, कांग्रेस पार्टी के कुछ महत्वपूर्ण पदाधिकारियों ने प्रस्ताव रखा और मैंने अपना विचार व्यक्त किया कि मेरे लिए किसी विशेष पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनना कठिन हो सकता है। अगर INDIA गठबंधन सहमत हों और वे सभी एक साथ आएं तो मैं चुनाव लड़ूंगा, बस इसी तरह ये पूरी बात हुई।
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उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रेड्डी ने आगे कहा कि यह लड़ाई नहीं है, यह विचारों का टकराव है… दूसरा पक्ष प्रचार कर रहे थे कि यहां एक व्यक्ति है, जो जीवन भर RSS का एक पूर्ण सदस्य रहा है, तो मैं उस विचारधारा से असहमत हूं, सी.पी. राधाकृष्णन जी से नहीं। सी.पी. राधाकृष्णन और मेरे बीच कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है। हम एक-दूसरे से कभी मिले भी नहीं हैं। इसलिए मैं चाहता था कि यह एक सभ्य प्रतियोगिता हो, व्यक्तियों के बीच नहीं बल्कि दो अलग-अलग विचारधाराओं के बीच… इसीलिए मैंने कहा कि यह एक वैचारिक लड़ाई है।
विपक्ष ने वामपंथी नक्सलियों के समर्थक को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया- अमित शाह
वहीं, शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को लेकर कांग्रेस पर बड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि वामपंथी नक्सलियों के समर्थक को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया। शाह ने कहा कि उपराष्ट्रपति के चुनाव को साउथ बनाम साउथ के नजरिए से न देखा जाए। देश का उपराष्ट्रपति किसी भी राज्य से आज सकता है। इस तरह से सोचना मेरे हिसाब से ठीक नहीं है।
अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन के इस कदम से केरल में कांग्रेस की जीत की जो बची कुची संभावना थी वो भी खत्म हो गई। क्योंकि विपक्ष के प्रत्याशी सुर्दशन रेड्डी वही हैं, जिन्होंने वामपंथी उग्रवाद को मदद करने के लिए सलवा जुडूम का जजमेंट दिया था और अगर ये जजमेंट न दिया गया होता तो वामपंथी नक्सलवाद 2020 तक खत्म हो गया होता। यही सज्जन हैं, जिन्होंने विचारधारा से प्रेरित होकर सलवा जूडुम का जजमेंट दिया था। शाह ने कहा कि केरल ने नक्सलवाद का दंश झेला है। गृह मंत्री ने कहा कि केरल की जनता निश्चित रूप से देखेगी कि कांग्रेस पार्टी, वामपंथी दलों के दबाव में एक ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतार रही है जिसने नक्सलवाद का समर्थन किया और सुप्रीम कोर्ट जैसे पवित्र मंच का इस्तेमाल किया।
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