उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित कई टेनरिज (चर्म शोधन कारखाना) कुंभ मेले की वजह से फिलहाल ठप हैं। लेकिन, इस मौजूदा स्थिति में इस व्यापार को पश्चिम बंगाल सरकार ने हाथों-हाथ लिया है। ममता सरकार ने कानपुर में स्थित 12 टेनरिज के लिए कोलकाता में जमीन मुहैया कराया है। इसके लिए बाकायदा औपचारिक लेटर भी भेज दिया गया है। यही नहीं कानपुर और इसके आसपास के इलाकों से लेदर इंडरस्ट्रीज से जुड़ी तमाम टेनरिज मालिकों ने पश्चिम बंगाल सरकार से जमीन मुहैया कराने का अनुरोध किया है। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में ‘बंगाल ग्लोबल बिजनस समिट’ चल रहा है। इस दौरान राज्य सरकार ने टेनरिज पर फैसला लिया।

कानपुर में तकरीबन 400 टेनरिज हैं और 40 के आसपास इसके पड़ोसी जिलों में हैं। इनमें से अधिकांश ने पश्चिम बंगाल सरकार से जमीन मुहैया कराने का आवेदन भी भेजा है। दरअसल,  यूपी सरकार ने 15 दिसंबर से लेकर मार्च 2019 तक गंगा में किसी भी तरह के इंडस्ट्रियल वेस्ट को गंगा में डालने से मना किया है। इसके लिए इस दौरान तमाम टेनरिज को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। योगी सरकार स्पष्ट कर दिया था कि जब तक प्रयागराज में कुंभ स्नान चल रहा है, तब तक टेनरिज का काम नहीं चेलगा। गौरतलब है कि दो सप्ताह पहले चमड़ा उद्योग से जुड़े 80 कारखानों ने अपनी टेनरिज के लिए पश्चिम बंगाल से जमीन मुहैया कराने का अनुरोध किया। इनमें से 12 को हरी झंडी दे दी गई।

काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट के चेयरमैन जावेद इकबाल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “छोटो, मझोले और बड़े स्तर के इंटरप्राइजेज और टेक्सटाइल्स उद्योग के लिए चिट्ठी मिल गई है। पश्चिम बंगाल की सरकार हमें 2,150 रुपये प्रति स्कॉयर फिट के हिसाब से जमीन मुहैया करा रही है। ये जमीन हमें कोलकाता के बनतला इलाके में दी जा रही है, क्योंकि यहीं पर लेदर इंडस्ट्री स्थित है।” वहीं इस मामले पर जब उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से पूछा गया तब उन्होंने कहा, “यह मालिकों (टेनरिज उद्योग वाले) के ऊपर निर्भर करता है कि वे अपना बिजनस कहां स्थापित करना चाहते हैं। वे जहां भी जाएं उन्हें एनजीटी के नियमों का पालन करना होगा।