West Bengal TMC: पश्चिम बंगाल में ममता सरकार द्वारा दुर्गा पूजा समितियों को मिलने वाले अनुदान को बढ़ाने के फैसले के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता का दावा है कि तृणमूल कांग्रेस सरकार के इस फैसले के चलते राज्य सरकार को करीब 300 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा है कि इस मामले पर तत्काल सुनवाई हो।

बता दें कि बीते सोमवार, 22 अगस्त को ममता बनर्जी सरकार ने राज्य के 40,000 से अधिक दुर्गा पूजा संगठन क्लबों में सभी के लिए वित्तीय सहायता को 50 हजार से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने बिजली बिलों में 60 फीसदी की छूट का भी ऐलान किया था। वहीं ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र बंगाल के लिए फंड जारी नहीं कर रहा है, जिसका असर राज्य पर हो रहा है।

ममता बनर्जी ने अपने ऐलान में कहा कि हमने पूजा समितियों के लिए वित्तीय सहायता को पिछले साल के 50,000 रुपये के मुकाबले 60,000 रुपये करने का फैसला किया है। हम उन्हें बिजली बिल में 60 प्रतिशत की छूट भी देंगे।” बता दें कि दुर्गा पूजा 1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक मनाई जाएगी।

वहीं ममता सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने मामला दायर करने की अनुमति दी है। अपीलकर्ता द्वारा मामले की सुनवाई जल्द करने की अपील पर अदालत ने आश्वासन दिया है।

भाजपा ने भी उठाया सवाल:

पूजा कमेटियों को अनुदान देने के ममता सरकार के फैसले पर बीजेपी भी लगातार सवाल उठा रही है। भाजपा का दावा है कि जो पैसा कमेटियों को दिए जाएंगे, उससे बंगाल में कई विकास कार्य किए जा सकते थे। बंगाल भाजपा प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, “सरकारी कर्मचारियों को राज्य सरकार महंगाई भत्ता नहीं दे पा रही, अस्पताल में दवा खरीदने के लिए फंड नहीं है, इसके बावजूद बंगाल की मौजूदा दिशाहीन सरकार पैसा बर्बाद कर रही है।”

शमिक ने कहा, “असल मामला यह है कि ममता बनर्जी क्लब खरीदकर ‘चोरों’ के शोर पर लगाम लगाना चाह रही हैं। लेकिन क्या वास्तव में यह काम करेगा? इन पैसों को अगर राज्य के विकास पर खर्च किया जाता तो इससे बंगाल को ही फायदा होता।