बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने यह फैसला किया है कि वह राज्य के बाहर एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगी। यह फैसला जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में किया गया। जदयू के इस फैसले की ममता बनर्जी ने तारीफ की है। ममता बनर्जी ने कहा, ‘मुझे नीतीश कुमार के उस बयान की जानकारी हुई है, जिसमें उन्होंने कहा कि वे बिहार के बाहर एनडीए का हिस्सा नहीं होंगे। मैं उन्हें इस बात के लिए बधाई और धन्यवाद देती हूं।’
दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में एनडीए में तीन पार्टियां शामिल हुई- भाजपा, जदयू और लोजपा। लोकसभा चुनाव में जदयू ने 17 में से16 सीटें मिली, लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल में उचित हिस्सेदारी न मिलने से नाराज नीतीश कुमार ने सांकेतिक हिस्सेदारी लेने से मना कर दिया। अब नीतीश कुमार की पार्टी ने आने वाले दिनों में हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने का फैसला लिया है। हालांकि, यह कोई अप्रत्याशित फैसला नहीं है। लोकसभा चुनाव के दौरान ही अरुणाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में जदयू एनडीए से इतर अकेले चुनाव लड़ी और 7 सीटों पर जीत भी दर्ज की।
पटना में आयोजित जद (यू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए पार्टी के प्रधान महासचिव के. सी. त्यागी ने कहा कि जद (यू) का विस्तार करने और राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त पार्टी का दर्जा पाने का निर्णय लिया गया है। जद (यू) के महासचिव पवन वर्मा और संजय झा ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार के बाहर राजग का हिस्सा नहीं है। हम चार राज्यों (झारखंड, हरियाणा, दिल्ली और जम्मू कश्मीर) में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। हम जद (यू) को राष्ट्रीय पार्टी बनाना चाहते हैं। जद (यू) बिहार और अरुणाचल प्रदेश में मान्यता प्राप्त पार्टी है।
उन्होंने कहा, “हम चार राज्यों दिल्ली, हरियाणा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेंगे और हमारी कोशिश होगी कि 2020 तक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल कर लें।” त्यागी ने कहा कि हालांकि जद (यू) केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा है और राजग के बैनर तले 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
दूसरी बात यह भी है कि जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर एनडीए के विरोधी दलों का चुनावी कैंपेन संभाल रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान आंध्र प्रदेश में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के लिए प्रशांत किशोर और उनकी कंपनी ‘आईपैक’ ने रणनीतियां तैयार की। चर्चा है कि अब वे पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के लिए काम करेंगे।
प्रशांत किशोर द्वारा तृणमूल कांग्रेस के लिए काम करने की चर्चा के बीच जदयू ने स्पष्ट किया कि किशोर के संगठन से उसका कोई लेना-देना नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर पार्टी प्रवक्ता के. सी. त्यागी ने कहा कि किशोर के संगठन से उनकी पार्टी का कोई भी लेना देना नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या किशोर ने अपने संगठन द्वारा तृणमूल कांग्रेस की मदद करने से जुड़े मुद्दे के बारे में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के समक्ष स्थिति स्पष्ट कर दी है, त्यागी ने कहा, “किशोर ने नीतीश कुमार जी के साथ इस मुद्दे पर बात की थी और मामला अब समाप्त हो गया है।” (एजेंसी इनपुट के साथ)