दिल्ली के JMI और JNU में हिंसा के बाद सोमावर को पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित जाधवपुर यूनिवर्सिटी में हंगामा जमकर हुआ। जेएनयू हिंसा के खिलाफ शाम को प्रदर्शनरत स्टूडेंट्स पर सुलेखा मोड़ के पास पुलिस ने अचानक लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान पुलिस ने छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और तितर बितर किया।

इसी बीच, पुलिस ने इस बारे में समाचार एजेंसी ANI को बताया- पुलिस छात्रों के साथ सहयोग और नागरिकों के बीच शांति व्यवस्था बरकरार रखने को लेकर हर संभव प्रयास कर रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी फिलहाल जाधवपुर इलाके में हैं।

डीसी जाधवपुर सुदीप सरकार के मुताबिक, “हम जब बीजेपी कार्यकर्ताओं को दौड़ा रहे थे, तभी भीड़ में कुछ जाधवपुर विवि के छात्र घुस आए थे। हम इसी वजह से छात्रों और बीजेपी कार्यकर्ताओं में अंतर नहीं कर पाए कि आखिर उनमें टायर कौन जला रहा था। हमारी ओर से जाधवपुर विवि छात्रों पर लाठीचार्ज नहीं किया गया।”

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दरअसल, JNU में रविवार रात छात्रों और शिक्षकों पर नकाबपोश लोगों के हमले के बाद सोमवार को देशभर में प्रदर्शन फिलहाल जारी हैं। इसी बीच, कुलपति के इस्तीफे की मांग तेज हो गई है, जिन पर हिंसा के दौरान निष्क्रिय बने रहने का आरोप लग रहा है। हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत 34 लोग घायल हुए हैं।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, अभी मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है तथा मामले को अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया है जिसने कुछ अहम सुराग मिलने का दावा किया है। सभी दलों के नेताओं ने जेएनयू हिंसा की निंदा की है। विपक्ष और जेएनयू छात्रों ने हिंसा के लिए भाजपा सर्मिथत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को जिम्मेदार ठहराया और दिल्ली पुलिस पर निष्क्रिय रहने का आरोप लगाया।

उधर, भाजपा ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसरों को राजनीतिक अखाड़ा नहीं बनाना चाहिए। जेएनयू परिसर में रविवार को कुछ नकाबपोश लोग घुस आए और उन्होंने तीन छात्रावासों में विद्यार्थियों पर लाठियों, पत्थरों तथा लोहे की छड़ों से हमले किये। उन्होंने फर्नीचर समेत संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया। उन्होंने एक महिला छात्रावास पर भी हमला किया। (भाषा इनपुट्स के साथ)