तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को चाय ”बेची”। उन्होंने दीघा के दुत्तापुर में एक टी स्टॉल पर चाय बना कर ”ग्राहकों” के सामने पेश की। उन्होंने इसका वीडियो भी शेयर किइया। 16 घंटे में उनके फेसबुक पेज से यह वीडियो 13 हजार लोगों ने शेयर किया। इस पर करीब 50 हजार लाइक्स/कमेंट आए।
जनता से जुड़ने की कवायद: बता दें कि पश्चिम बंगाल में 2020 में विधानसभा चुनाव होने हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन टीएमसी की नींद उड़ानेवाला रहा था। विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल ने प्रशांत किशोर की मदद ली है। प्रशांत किशोर ने ही 2014 में नरेंद्र मोदी को चुनावी रणनीति तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी।
ममता की छवि पर जोरः 2014 के चुनाव में मोदी की सफलता के पीछे प्रशांत किशोर की रणनीति को एक अहम कारक माना गया था। तृणमूल की चुनावी तैयारियों के तहत किशोर ने सबसे पहले ममता बनर्जी की जनता से जुड़ाव रखने वाली नेता की छवि बनाने पर जोर दिया है। इस मकसद से ”दीदी को बोलो” कैंपेन चलाया गया है।
इस कैंपेन के तहत लोग सीधे अपनी बात सरकार तक पहुंचा सकते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि ममता बनर्जी ने टी-स्टॉल पर चाय बना कर सर्व करने की कवायद भी इसी योजनाा के तहत की है। 2014 में नरेंद्र मोदी द्वारा चाय बेचे जाने के दावे को खूब भुनाया गया था।
चाय पर चर्चा के बनाया था प्रचार का हिस्साः खुद मोदी और भाजपा नेता बार-बार प्रचारित करते रहे कि चाय बेचने वाला शख्स प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में है तो विपक्ष नहीं चाहता कि कोई चाय बेचने वाला इस स्तर तक पहुंचे। कांग्रेस के मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि नरेंद्र मोदी पीएम तो नहीं बन सकते, चाहें तो कांग्रेस के अधिवेशन में चाय बेच सकते हैं। चाय का मुद्दा तूल पकड़ा तो भाजपा ने ‘चाय पर चर्चा’ को 2014 के चुनाव प्रचार अभियान का हिस्सा ही बना दिया। माना जाता है कि इस आइडिया के पीछे भी प्रशांत किशोर का दिमाग था।

